गोरखपुर से प्रियंका का BJP पर निशाना, कहा- 70 साल की मेहनत को 7 साल में गंवा दिया
गोरखपुर: कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी में पार्टी का मुख्या चेहरा बनकर काम कर रहीं प्रियंका गांधी रविवार को गोरखपुर में रैली करने पहुंचीं. प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने यहां प्रतिज्ञा रैली की है. इस रैली के दौरान उन्होंने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा. प्रियंका ने कहा योगी सरकार जनता पर जम कर आग उगल रही है. निषादों के बारे में बोलते हुए प्रिंयका बोलीं ‘मैं कुछ महीने पहले प्रयागराज के बसवार गांव गई थी. वहां पुलिस ने निषादों की नाव को जला दिया था. नदी पर किसी का अधिकार है तो वो निषादों का है.’
‘जान दे दूंगी लेकिन भाजपा से हाथ नहीं मिलाऊंगी’
प्रतिज्ञा रैली के दौरान प्रियंका गांधी ने किसानों, खाद की कमी, महिला सुरक्षा और रोजगार जैसे कई और मुद्दों पर भी योगी सरकार को कटघरे में खड़ा किया. प्रियंका ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर सीधा हमला भी बोला. उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ जी के विचारों के विपरीत शासन चला रहे हैं. उत्तर प्रदेश में कुछ ही महीनों में चुनाव होने है. ऐसे में प्रियंका की रैली काफी मायने रखती है. प्रियंका ने गोरखपुर की जनता से कहा कि यहां कांग्रेस ने चीनी मिल बनवाया था, उसको किसने बंद करवाया? अपने इस सवाल का जवाब खुद ही देते हुए बोला कि यह BSP और SP ने बंद करवाया. प्रियंका ने कहा कि मैं मर जाऊंगी, जान दे दूंगी लेकिन भाजपा से हाथ नहीं मिलाऊंगी.
अमित शाह को लिया निशाने पर
अपने संबोधन में केंद्र की सरकार को भी लपेटते हुए प्रियंका बोलीं, ‘कबीर कहते थे, साईं इतना दीजिए, जा में कुटुंब समाए. लेकिन भाजपा क्या मानती है, जनता से लूट-लूट के जमींदार को खूब पहुंचाए.’ 70 साल में जो हमने कमाया वो सब इन्होंने 7 साल में बर्बाद कर दिया. उन्होंने कहा कि अमित शाह जी कहते हैं कि अब यूपी में अपराधियों को ढूंढ़ना पड़ता है तो दूरबीन की जरुरत होती है. लेकिन उनके साथ मंच पर अजय मिश्रा टेनी बैठे थे. मैं कहती हूं कि दूरबीन छोड़िए और चश्मा लगाइए.
किसानों के मुद्दे पर बोलीं प्रियंका
प्रियंका ने कहा कि आज किसान प्रताड़ित है, त्रस्त है, सरकार उनकी बिल्कुल नहीं सुन रही है. जहां लोग संघर्ष कर रहे हैं, और जहां मदद की जरूरत है. वहां सरकार कुछ नहीं करती है. सरकार मुंह फेर लेती है. खाद, खेती, फसल सब बड़े-बड़े उद्योगपतियों के हाथ में दे दी गई है. खाद के लिए लाइन में लगे-लगे लोगों की मौत रही है. जब मैं मृत किसानों के परिवार से मिली तो वहां कुछ नहीं था. न वहां सरकारी मदद थी, न गैस सिलेंडर था, था तो सिर्फ उस किसान का रोता हुआ परिवार.