पितरों की आत्माएं सुक्ष्म रूप में धरती पर आकर श्राद्ध की अपेक्षा करती है – 10 सितंबर 2022 से- उत्तराखंड- जहां पिंडदान व तर्पण से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति मिलती है भगवान शिव को भी मुक्ति मिली थी
चंडीगढ़ (आज़ाद वार्ता) ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्. ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च। नम: स्वाहायै...