गंगोत्री हाईवे पर तीर्थयात्रियों की बस खाई में गिरी, 3 महिलाओं की मौत, 26 घायल

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उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर गंगनानी के समीप मंगलवार रात एक तीर्थयात्रियों से भरी बस खाई में गिर गई। इस हादसे में तीन महिलाओं की मौत हो गई, जबकि 26 अन्य यात्री घायल हो गए। बस में कुल 29 यात्री सवार थे, जिनमें अधिकांश उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र और उत्तर प्रदेश के निवासी थे।

हादसे का विवरण

मंगलवार रात करीब 9 बजे, गंगोत्री से उत्तरकाशी लौट रही बस गंगनानी क्षेत्र में अनियंत्रित होकर लगभग 20 मीटर गहरी खाई में गिर गई। सौभाग्यवश, बस एक पेड़ पर अटक गई, जिससे वह भागीरथी नदी में गिरने से बच गई और बड़ी त्रासदी टल गई। प्रारंभिक जांच में ब्रेक फेल होने की आशंका जताई जा रही है, हालांकि विस्तृत जांच जारी है।

राहत और बचाव कार्य

हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, फायर सर्विस, बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (BRO), स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय ग्रामीणों की टीमों ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया। घायलों को तुरंत उत्तरकाशी जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से 17 गंभीर रूप से घायल यात्रियों को एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया।

मृतकों की पहचान

हादसे में जान गंवाने वाली महिलाओं की पहचान निम्नलिखित रूप में हुई है:

  • दीपा तिवारी (55 वर्ष), निवासी रुद्रपुर, उत्तराखंड
  • नीमा टेड़ा (57 वर्ष), निवासी हल्द्वानी, उत्तराखंड
  • मीना रैकवाल (60 वर्ष), निवासी हल्द्वानी, उत्तराखंड

प्रशासन की प्रतिक्रिया

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, “गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर गंगनानी के पास बस दुर्घटना का दु:खद समाचार प्राप्त हुआ। घटनास्थल पर स्थानीय प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। जिला प्रशासन को तेजी के साथ राहत एवं बचाव अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। बाबा केदार से सभी के सकुशल होने की कामना करता हूं।”

पूर्व में भी हुए हैं हादसे

गंगनानी क्षेत्र में इससे पहले भी कई सड़क हादसे हो चुके हैं। 2010 में यहां कांवड़ यात्रियों से भरा ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, जिसमें 27 लोगों की मौत हुई थी। 2023 में भी इसी स्थान पर एक बस खाई में गिर गई थी, जिसमें 7 यात्रियों की जान चली गई थी।

प्रशासन ने इस क्षेत्र में सुरक्षा उपायों को और सख्त करने के निर्देश दिए हैं, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति न हो।

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