बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में शिक्षक ने किया ये कैसा कृत्य- बीएचयू में एक्जीबिशन, प्रोफेसर ने भगवान राम की जगह अपनी और माँ सीता की जगह पत्नी की लगा दी तस्वीर, छात्रों ने की निलंबित करने की माँग

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नई दिल्ली 16 फरवरी 2022 (नवीन चन्द्र पोखरियाल)

बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) के एक असिस्टेंट प्रोफेसर का विवादित कैलेंडर सामने पर बवाल मच गया है। दृश्य कला संकाय के असिस्टेंट प्रोफेसर अमरेश कुमार ने अपने विभाग की चित्र प्रदर्शनी में भगवान राम की जगह खुद और माँ सीता की जगह अपनी पत्नी की तस्वीर प्रदर्शनी में रखा तो छात्रों और स्टाफ की नजर पड़ते ही मामले ने तूल पकड़ लिया। छात्रों ने नाराजगी जताते हुए इस प्रदर्शनी में रखी गई तस्वीरों और वीडियो को वायरल कर दिया।

क्या है पूरा मामला

बीएचयू के दृश्य कला संकाय के महामना वीथिका में 5 फरवरी, 2022 से एक महीने के लिए चित्र प्रदर्शनी की शुरुआत हुई है थी। इसमें विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर अमरेश कुमार ने कैलेंडर आर्ट के प्रदर्शन में मुकुटधारी भगवान श्रीराम और माँ सीता के एक चित्र में माता सीता की छवि तो काल्पनिक है लेकिन उनके साथ खड़े भगवान राम की मुखाकृति की जगह अपनी फोटो लगाई है। इसमें वह चश्मा लगाए हुए हैं।

इसके अलावा प्रोफेसर ने श्रीरामचरितमानस जैसे पवित्र धार्मिक ग्रंथ के ऊपर लगी राम दरबार की तस्वीर जिसमें भगवान गणेश समेत कई देवी देवता विराजमान है उसमें राम और सीता जी की जगह खुद की तस्वीरें लगाकर उन्हे प्रदर्शित किया। हालाँकि, छात्रों का विरोध शुरू हुआ तो कला दीर्घा से विवादित तस्वीर हटा दी गई है।

छात्रों ने की कार्रवाई की माँग

अब प्रदर्शनी की इन्हीं तस्वीर के सामने आने पर बीएचयू के छात्रों ने आपत्ति दर्ज कराई है। छात्रों का आरोप है कि इस तरह की घटनाएँ सनातनी परम्परा का अपमान करने वाली है। विश्वविद्यालय के छात्रों ने इसे आस्था से जुड़ा मामला बताते हुए विरोध-प्रदर्शन किया एवं विश्वविद्यालय प्रशासन सहित लंका थाने में शिकायत दर्ज करवाई है।

छात्रों ने दर्ज कराई शिकायत

छात्रों के समूह ने संकाय प्रमुख का घेराव किया और उनसे संबंधित प्रोफेसर को निलंबित करने एवं नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उनके इस्तीफे देने की माँग की। छात्रों का आरोप है कि यह पूरा घटनाक्रम विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा सुनियोजित व वरदहस्त प्राप्त है। विरोध प्रदर्शन कर रहे एबीवीपी के छात्रों ने आरोप लगाया कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में लगातार कुछ समय से सनातन धर्म के आराध्य, मूल प्रतीकों व मान्यताओं व मूल्यों पर लगातार कुठाराघात किया जा रहा है और विश्वविद्यालय प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ रहता है।

वहीं मंगलवार छात्रों के घेराव के कारण संकाय में भारी गहमागहमी बनी रही। संकाय प्रमुख से संतोषजनक उत्तर प्राप्त न होने पर छात्रों ने केंद्रीय कार्यालय की ओर कूच कर दिया। कुलपति के अनुपस्थिति में विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर ने छात्रों की माँग पर कठोर कार्रवाई का आश्वासन देते हुए संबंधित शिक्षक पर एवं संकाय प्रमुख पर विभागीय व अनुशासनात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया तथा उचित विधिक कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।

11 साल पहले भी लगाई थी प्रदर्शनी

वहीं मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चित्रकार अमरेश कुमार का कहना है कि राम सीता का यह चित्र पहली बार किसी प्रदर्शनी का हिस्सा नहीं बना है। वर्ष 2011 में दिल्ली में आयोजित एक राष्ट्रीय प्रदर्शनी में भी यह चित्र प्रदर्शित किया गया था। हमारे शास्त्रों श्रीराम के घट-घटव्यापी होने की बात कही गई है। इस दृष्टि से प्रभु प्रत्येक प्राणी में हैं। जब एक चित्रकार को इसकी अभिव्यक्ति करनी होगी तो उसका प्रदर्शन भी ऐसा ही होगा। विवाह मंडप में भी वर-वधु को सीताराम की जोड़ी के रूप में आशीर्वाद दिया जाता है। मैंने किसी की भावना को आहत करने के उद्देश्य से ऐसा कुछ नहीं किया है।

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