भगवान राम की नगरी रामनगर में निकला भव्य पथ संचलन, मातृशक्ति, बुद्धिजीवियों और समाज सेवियों ने जगह-जगह बरसाए पुष्प
नैनीताल/चंडीगढ़ 3 अप्रैल 2022 (सचित गौतम)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ रामनगर नगर एवं खण्ड द्वारा नगर में कोविड के पश्चात पथ संचलन का एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें सांयकाल 3 बजे एम.पी.इंटर कालेज रामनगर में सभी स्वयंसेवकों का एकत्रीकरण हुआ।
एकल गीत, अमृत वचन के पश्चात अधिकारी उद्बोधन किया गया। राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री, पूर्व जिला प्रचारक, तुषार कांत ने अपने उद्बोधन में कहा कि हिंदू नववर्ष भारतीय प्राचीन सभ्यता, विज्ञान, अध्यात्म, संस्कृति, गणितीय गणनाओं आदि का अद्भुत संगम है। ये ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में भी साक्षी है। यह नवसंवत्सर उल्लास व उमंग का समय है। अमावस्या के काले अंधेरे के बाद चैत्र के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा या चैत्र प्रतिपदा में उज्ज्वल पक्ष, हमारे जीवन में उजाला व उत्साह भर देता है।
सांस्कृतिक, मांगलिक और आध्यात्मिक कार्यों का शुभ आरंभ भी हिंदू नववर्ष से किया जाता है। नवरात्र में देवी पूजन, भगवान श्रीरामचंद्र का राज्याभिषेक, महर्षि गौतम का जन्म, गुरु अंगददेव का जन्म, आर्य समाज स्थापना आदि हमारे जीवन में नवजागरण का प्राण भरते हैं।
समय? समय बहुत महत्वपूर्ण होता है। आधुनिक काल में गणना करना आसान है, पर भारतीय प्राचीन मत में समय की बड़ी सूक्ष्मता से गणना की गई। यह विधा खगोलीय ग्रहों, उपग्रहों, पिण्डों आदि की गति पर आधारित रही। गणितीय अध्ययन के अंतर्गत यह सतत विकसित होती रही। जंतर-मंतर आदि इसकी महत्ता को बताते हैं। हिंदू नववर्ष में होरा, दिन, सप्ताह, मास से वर्ष का आकलन किया जाता रहा है। भारतीय सनातन कलेंडर, विश्व के पुराने समय की गणना के प्रयोग में लाया जाता है।
बहरहाल हिंदू नववर्ष का आगमन हमें नूतन हर्ष, खुशी, उन्नति, लक्ष्य, परिश्रम के लिए प्रेरित कर, सक्रिय बनाता है। यह पूरे भारत में उत्साह व उमंग से मनाया जाता है। विशेषकर नई पीढ़ी हमारी विरासत विस्मृत करती जा रही है। आइये! हम अपनी विरासत, संस्कृति, अध्यात्म आदि से अपनी पीढ़ी को भी परिचित करायें।
उन्होंने आगे बताया कि मात्र 32 वर्ष के अपने जीवन में आदिगुरू शंकराचार्य ने चार मठों की स्थापना कर दी थी। ऐसे-ऐसे भाष्य और गीत लिखे कि अपने पूरे जीवन में कोई एक ऐसे भजन लिख दे तो सदा सदा के लिए अमर हो जाएं। हिन्दी में रामकथा लिखना, गोस्वामी तुलसीदास की मानस उस पूरी सदी की भारतीय दृष्टिकोण में सबसे बड़ी घटना थी। अपने ग्रन्थ की दिव्यता बाबा तुलसी अपने जीवन में ही देख ली थी। कुछ किले और कुछ सैनिकों के दम पर छत्रपति शिवाजी महाराज उस समय के दुनिया के सबसे बड़े बादशाह को चुनौती दे रहे थे और अपने जीते जी छत्रपति शिवाजी, छत्र धारण कर एक स्वतंत्र हिन्दू राज्य की स्थापना कर चुके थे।
इन सबके सामने देखें तो डॉ हेडगेवार जीवन बहुत साधारण ही है। अपने पूरे जीवन में उन्होंने कोई किताब नहीं लिखी। उनका मानना था अब कुछ नया लिखने की आवश्यकता नहीं है। सब कुछ लिखा जा चुका है अब बस लागू करने की जरूरत है। वो किसी राजनीतिक पार्टी के बड़े पद पर नहीं रहे। विदेश से पढ़कर नहीं आए। महान लोगों के बड़े कारनामें जिन्हें हम जानते हैं उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया।
“आज हम संघ शुरू कर रहे हैं” बस इतना कहकर साल 1925 में अपने घर में कुछ 5-7 लोगों के साथ उन्होंने एक बेनाम सा संगठन शुरू किया और जैसे जैसे खुद सीखते गए वैसे-वैसे उस अनुभव को संघ से जोड़ते गए। संगठन शुरू होने के 1 साल बाद उसका नाम तय किया गया कि इस संगठन को हम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ऐसा कहकर बुलाएंगे। कहीं से कोई रिटायर फौजी मिल गया तो उससे परेड (समता) सीखनी शुरू कर दी। तो जब अभ्यास हो गया तो लगा एक परेड निकालनी चाहिए तो 30 स्वयंसेवकों के साथ पहला पथ संचलन निकाला गया।
पथ संचलन कार्यक्रम
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पथ संचलन कार्यक्रम भव्य रूप लेते हुए एम. पी. हिन्दू इंटर कालेज से प्रारंभ होकर सिद्धेश्वर मंदिर फायर स्टेशन से घासमंडी, नगरपालिका, काशीपुर बस अड्डे से जसपुरिया लाईन, लोहारा लाईन, ज्वाला लाईन, बजाजा लाईन, फड़ बाजार से कोतवाली होते हुए भवानीगंज भगत चौराहे से वापसी नंदा लाईन स्टेट बैंक कोसी रोड, रानीखेत रोड़ होते हुए क्रांति चौक लखनपुर, लखनपुर चुंगी से होते हुए सैनिक विश्राम गृह, कोटद्वार रोड़ इन्द्रा कालोनी से सीधा पुनः एम.पी.हिन्दू इंटर कालेज में समापन किया गया।
नगर में हुई पुष्प वर्षा
पथ संचलन में कुल 417 स्वयंसेवकों ने प्रतिभाग किया। इसमें तृतीय वर्ष प्रशिक्षित, द्वितीय वर्ष प्रशिक्षित, प्रथम वर्ष प्रशिक्षित, प्राथमिक शिक्षा वर्ग प्रशिक्षित स्वयंसेवक मौजूद थे।
स्वयंसेवकों के पथ संचलन का नगर में भव्य स्वागत किया गया। विशेषकर महिलाओं, समाज सेवियों, संभ्रांत नागरिकों और छोटे-छोटे बच्चों द्वारा पूरे शहर भर में लगभग 100 स्थानों पर और पथ संचलन में शामिल सभी स्वयंसेवकों पर पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया गया।
इस अवसर पर तहसील प्रचारक गौतम जी, मुख्य शिक्षक राजेश पाल, नगर संघचालक अजय अग्रवाल, खण्ड संघचालक चन्द्रशेखर जोशी, नगर कार्यवाह अतुल अग्रवाल, सह कार्यवाह सुभाष ध्यानी, खण्ड कार्यवाह जगदीश तिवारी, समस्त नगर कार्यकारिणी, समस्त खण्ड कार्यकारिणी सहित काफी संख्या में समाजसेवी, मातृशक्ति, बुद्धिजीवी और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।