राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लिए अब ये कैसा प्रोपोगंडा-‘द गार्जियन’ की आइना खान के लिए ‘जय श्री राम’ का नारा हिंसक, इंग्लैंड में हिंसा के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को दे रही दोष, मुस्लिम कट्टरवादियों को बचाने के लिए प्रोपेगंडा

नई दिल्ली/चंडीगढ़ 19 सितम्बर 2022 (नवीन चन्द्र पोखरियाल, विवेक गौतम)
एशिया कप 2022 में हुए भारत-पाकिस्तान मैच के बाद पूर्वी इंग्लैंड के लीसेस्टर शहर में विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है। यूनाइटेड किंगडम में रहने वाले इस्लामवादियों में से अधिकतर पाकिस्तानी हैं, जो हिंदू समुदाय पर हमला करने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं। ये लोग बड़ी ही बेशर्मी के साथ खुद को पीड़ित बता रहे हैं और इस हिंसा के लिए हिंदुओं को दोषी ठहरा रहे हैं।

यूके स्थित वामपंथी मीडिया आउटलेट ‘द गार्जियन’ की पत्रकार आइना खान ने लीसेस्टर हिंसा को कवर करते हुए अपने ‘तनावपूर्ण दिन’ के बारे में बताते हुए सिलसिलेवार कई ट्वीट किए हैं। वह दावा करती हैं कि उन्होंने एक हिंदू व्यक्ति का साक्षात्कार लिया था, जिसने हेलमेट पहन रखा था और हाथों ने भारत का ध्वज पकड़ा हुआ था।
हालाँकि, यहां पर ‘द गार्जियन’ की पत्रकार अपने ट्वीट में उस शख्स का नाम नहीं बताती हैं और न ही उसकी कोई तस्वीर दिखाती हैं। भारतीय ध्वज को पकड़ने वाला व्यक्ति मुस्लिम भी हो सकता है, क्योंकि भारत 15% से अधिक मुस्लिमों का भी घर है और हमें यह विश्वास दिलाया जाता है कि वे भी भारतीय ध्वज से उतना ही प्यार और सम्मान करते हैं जितना कि ‘हिंदू राष्ट्रवादी’ करते हैं। इसलिए यह मानना कट्टरता है कि हेलमेट पहनने वाला और तिरंगा पकड़ने वाला शख्स हिंदू व्यक्ति था।

इसके बाद खान लिखती हैं कि हेलमेट पहने हुए व्यक्ति ने दावा किया कि वह आरएसएस का समर्थक है। बाद में खुद से इसमें एक डिस्क्लेमर जोड़ती हैं कि आरएसएस संगठन इतालवी तानाशाह मुसोलिनी से प्रेरित था। यह हैरानी की बात है, क्योंकि आमतौर पर वामपंथियों द्वारा यह दावा किया जाता है कि आरएसएस हिटलर के नाज़ीवाद से प्रेरित था और यह संघ से जुड़े लोगों को अमानवीय बताने के लिए कहा जाता है। दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के पिता स्टेफानो माइनो थे, जिन्होंने वास्तव में मुसोलिनी की सेना में एक सैनिक के रूप में काम किया था।

इसके अलावा, खान ने दावा किया कि हेलमेट पहने हुए आरएसएस का समर्थन करने वाले हिंदू व्यक्ति ने कहा कि भारत को आजादी वास्तव में 8 साल पहले नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री का पद सँभालने के बाद मिली थी, और मोदी भारत में जिहादी मुस्लिमों के लिए रामबाण थे।
उसके बाद ‘द गार्जियन’ की आइना जे खान कहती हैं कि हेलमेट पहनने वाले ने उनसे यह भी कहा कि ब्रिटेन में मुस्लिम एक बड़ी समस्या हैं और ‘रॉदरहैम ग्रूमिंग गैंग’ के बारे में बात की। उस व्यक्ति के ‘मुस्लिम’ कहने का कोई वीडियो क्लिप सामने नहीं आया है, लेकिन यह बात सच है कि रॉदरहैम ग्रूमिंग गैंग मामले में कई मुस्लिम मुख्य आरोपित हैं।
वामपंथी आइना खान का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर निशाना
आइना खान के मुताबिक, ‘हेलमेट मैन’ ने गाँधी की प्रतिमा के करीब खड़े होकर कहा कि आर एस एस एक महान संगठन है। उसका (पत्रकार) दावा है कि यह विडंबना है, क्योंकि गाँधी की हत्या आरएसएस के सदस्य नाथूराम गोडसे ने की थी। लेकिन, सच्चाई ये है कि गोडसे गाँधी की हत्या के समय आरएसएस से नहीं जुड़े थे।

खान के अनुसार, ‘एक और आरएसएस सदस्य’ चर्चा में शामिल हुआ। उनका कहना है कि यह चर्चा ‘जय श्री राम’ के नारे के साथ और ‘गर्म’ हो गई। वह ‘जय श्री राम नारे’ को भारत में चरमपंथियों के नारे के रूप में संदर्भित करती हैं और यह दावा करती हैं कि ‘जय श्री राम’ अब मुस्लिम विरोधी घृणा का पर्याय बन गया है। इस फेक नैरेटिव का इस्तेमाल अक्सर राजनीतिक दलों द्वारा ‘डरा हुआ मुसलमान’ के नैरेटिव को आगे बढ़ाने के लिए किया गया है।
वास्तव में यही वजह है कि भारत में इस्लामवादियों ने ‘जय श्री राम’ के नारे को बदनाम करने के लिए कई बार झूठे आरोप लगाए। जबकि उनका नारा ‘अल्लाहु अकबर’ इतना खूँखार हो गया है कि वे इस्लामी आतंकवादियों के बारे में ज्यादा कुछ नहीं कर सकते हैं, जो इसे बोलते हुए दूसरों को छुरा घोंपते हैं, उनका सिर कलम कर देते हैं। अब यह टूलकिट यूके पहुँच गया है।

वामपंथी पत्रकार ने एक क्लिप साझा की, जिसके बारे में वह दावा करती है कि वह एक सबूत है। समूह शांतिपूर्वक ‘वंदे मातरम’ का नारा लगाते हुए एक मार्च निकाल रहा है। ये भारत का राष्ट्रगीत भी है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि भारत बनाम पाकिस्तान एशिया कप मैच के बाद हिंसा शुरू हुई थी। पाकिस्तानियों द्वारा भारतीयों पर हमले किए जा रहे थे। खान द्वारा किए जा रहे दावे भारतीयों के प्रति उनकी कट्टरता, नस्लवाद को दर्शाता है। जबकि भारतीय पुरुष एक मुस्लिम व्यक्ति भी हो सकता है, जो अपने देश से प्यार करता है और मातृभूमि के प्रति वफादार है। खान का मजहब के चश्मे से हिंसा को देखना बेतुका है।
जबकि वीडियो में भी भारतीय शख्स मुस्लिमों की नहीं, बल्कि पाकिस्तान की बात करता दिख रहा है। वीडियो में एक ‘हेलमेट मैन’ भी दिख रहा है, लेकिन इसमें कोई आरएसएस के बारे में नहीं बोल रहा है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि खान ने ‘आरएसएस/हिंदुत्व चरमपंथियों’ के बारे में कैसे लिखा, इस एक मिनट के वीडियो में यह कैसे आया जबकि कोई भी इसके बारे में बात नहीं कर रहा है?
आपको बता दें कि इंग्लैंड के लीसेस्टर शहर में रविवार (18 सितंबर, 2022) को हिंदुओं के समूह पर कट्टरपंथियों द्वारा हमला किया गया। इस दौरान ‘अल्लाहु-अकबर’ नारा लगाते हुए मंदिर पर भी अटैक हुआ और उसके ऊपर लगे भगवा ध्वज को भी तोड़कर नीचे गिरा दिया गया था। घटना के विरोध में हिंदुओं ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए। कट्टरपंथी भीड़ इतनी बेकाबू थी कि पुलिस ने जब उपद्रवियों को रोकने की कोशिश की, तो उन पर भी काँच की बोतलें फेंकी गई। लाठी-डंडों से लैस भीड़ ने संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुँचाया।