भारत में धर्मनिरपेक्षता का एक क्रूर परिचय -बिजनौर की 3 मजारों में ‘मुस्लिम भाइयों’ ने लगाई आग, उपद्रव करते वक्त बाँध रखा था भगवा गमछा,उ.प्र. पुलिस ने कमाल-आदिल को गिरफ्तार कर काँवड़ियों को बदनाम होने से बचाया

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लखनऊ, उत्तर प्रदेश 25 जुलाई 2022 (नवीन चन्द्र पोखरियाल)

भारत में आपस में प्रेम,स्नेह और भाईचारे की भावना को समाप्त करने के कैसे-कैसे कुत्सित प्रयास किए जा रहे हैं इसकी एक बानगी उत्तर प्रदेश में सामने आई है। उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के शेरकोट थाना क्षेत्र में रविवार (24 जुलाई 2022) को तीन मजारों पर तोड़फोड़ और आगजनी करने का मामला प्रकाश में आया। पुलिस ने सूचना होने के बाद घटना में शामिल दो आरोपितों को समय रहते गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने कहा कि इस गिरफ्तारी से बड़ी सांप्रदायिक साजिश को अंजाम देने से रोका गया है।

दोनों आरोपित मुस्लिम समुदाय के हैं जिन्हें मजार क्षतिग्रस्त करते हुए पहले स्थानीय लोगों ने देखा। फिर पुलिस में शिकायत दी। सूचना होने पर पुलिस मौके से पहुँची। मजहबी उलेमाओं के सामने घटनास्थल का मुआएना करने के बाद बताया गया कि मजहबी पुस्तकों को कोई नुकसान नहीं हुआ लेकिन मजार की चादर और पर्दे जलाकर खाक कर दिए गए हैं।

पुलिस की जाँच पड़ताल के बाद दोनों आरोपित पकड़े गए। इनकी पहचान कमाल और आदिल के तौर पर हुई है। ये दोनों सगे भाई हैं। इन्होंने सिर पर भगवा रंग का गमछा बाँध कर घटना को अंजाम दिया, जिसे देख अंदाजा लग रहा है कि काँवड़ियों को बदनाम करने के लिए ये सब किया गया।

पूछताछ में इन्होंने बताया कि इन लोगों ने न केवल जलाल शाह की मजार और भूरे शाह की मजार पर आगजनी की बल्कि कुतुब शाह की मजार को भी तोड़ा था। इसके अलावा ये यह भी कह रहे थे कि ये अभी और मजारों को भी तोड़ेंगे। इनका लोगों से कहना था कि ऐसी मजारों का कोई फायदा नहीं होता है, इसलिए इन्होंने ऐसा किया। अब पुलिस इन्हें पकड़कर पूछताछ कर रही है। पता लगाया जा रहा है कि इनका इस तरह भगवा पहनकर मजार तोड़ने का क्या मकसद था। जरूरत पड़ने पर एटीएस भी जाँच में शामिल होगी।

मीडिया को विस्तृत जानकारी देते हुए उत्तर प्रदेश के एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने घटना के संबंध में बताया कि, “बिजनौर के अंतर्गत थाना शेरकोट में पुलिस को शाम 5 बजे सूचना मिली कि दो लोगों ने जलाल शाह की मजार पर तोड़फोड़ करके कुछ चादर जलाई हैं। जिसके बाद पुलिस वहाँ पहुँची, तभी सूचना मिली कि उसी थाना क्षेत्र के भूरे शाह की मजार पर भी आगजनी और तोड़फोड़ हुई है।”

पुलिस ने फौरन इस मामले में सक्रियता दिखाते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद एडीजी ने कहा कि शेरकोट में एक बड़ी सांप्रदायिक साजिश को होने से रोक लिया गया। मजहबी स्थलों में तोड़फोड़ करने के आरोप में दो आरोपित गिरफ्तार कर लिए गए हैं। जमीनी स्तर पर अधिकारियों को सतर्क रहने को कहा गया है और सोशल मीडिया पर निगरानी बनी हुई है।

एडीजी, कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार के मुताबिक, “अभियुक्तों ने बताया कि शेरकोट थाना में 11:30 बजे कुतुब शाह की मजार पर भी तोड़फोड़ की गई थी, जो संज्ञान में नहीं आई। घटना दर्शाती है कि काँवड़ यात्रा के दौरान माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। सभी फील्ड अधिकारियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।”

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