सीडीएस जनरल बिपिन रावत के आखिरी पलों को देखने वाले एक शख्स ने बताया कि वह हादसे के बाद जीवित थे, ‘उन्होंने मुझसे पानी मांगा’ हादसे के बाद भी दिखाई बहादुरी, इस शख्स ने बताए सीडीएस रावत के अंतिम पल

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तमिलनाडु के नीलगिरी जिले में सेना का हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने से उसमें सवार 14 में से 13 लोगों का निधन हो गया। इनमें सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 सेना के जवान शामिल हैं। ये घटना जिले के कुन्नूर में हुई।

नीलगिरी, तमिलनाडु 10 दिसम्बर (नवीन चन्द्र पोखरियाल)

तमिलनाडु के नीलगिरी जिले में सेना का हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने से उसमें सवार 14 में से 13 लोगों का निधन हो गया। इनमें सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 सेना के जवान शामिल हैं। ये घटना जिले के कुन्नूर में हुई। यहां के कट्टेरी पार्क के नानजप्पनचथिराम के निवासी अब भी उस घटना पर यकीन नहीं कर पा रहे, जिसके वो खुद गवाह बने हैं।

कुन्नूर के इंदिरानगर के रहने वाले शिवकुमार ने अपनी आंखों देखा हाल बताया है। जो कुछ भी हुआ, उन्हें उसपर अब भी विश्वास नहीं हो पा रहा है। उन्होंने सीडीएस जनरल बिपिन रावत के अंतिम पलों को देखा है।

वह कहते हैं, ‘जब हम उन्हें दुर्घटनास्थल से दूसरी जगह ले जा रहे थे, तब मुझे नहीं पता था कि वे सीडीएस बिपिन रावत हैं। उन्होंने मुझसे कहा, “थोड़ा पानी मिलेगा प्लीज।” वे मुझे सुन पा रहे थे और मेरे शब्दों पर प्रतिक्रिया भी दे रहे थे। मैं पानी नहीं ला सका क्योंकि मुझे इसे लेने के लिए लगभग सौ मीटर पीछे जाना पड़ता। उस समय उन्हें अस्पताल तक पहुंचाना सबसे जरूरी थी।’ शिवकुमार एक कंस्ट्रक्शन वर्कर हैं। उनका दावा है कि उन्होंने पहाड़ियों में मलबा दिखने के बाद जनरल रावत को जीवित देखा था।

हादसे के बाद जीवित थे सीडीएस

न्यूज9लाइव डॉट कॉम ने शिवकुमार से बात की है। वेबसाइट की खबर के अनुसार, शिवकुमार ने सीडीएस रावत के आखिरी पलों के बारे में बताते हुए कहा, ‘जब मैंने उन्हें देखा, तब वे जीवित थे। वो मेरे रिश्तेदारों को (बिपिन रावत) दुर्घटनास्थल से 60 मीटर दूर मिले। उन्हें आश्वस्त करने के लिए, मैंने उनसे कहा कि हम बचाव दल से हैं, चिंता ना करें, आप ठीक हो जाएंगे। वे मेरी तरफ देख रहे थे। मेरा मानना है कि जो कुछ भी मैं बोल रहा था, वो उसे सुन पा रहे थे।’

शिवकुमार कहते हैं, ‘मैं कट्टेरी से 2 किमी दूर इंदिरानगर में रहता हूं जहां दुर्घटना हुई थी। जब मैं बुधवार को काम के लिए निकलने वाला था, लगभग 11.55 बजे, मुझे मेरे चचेरे भाई का फोन आया, जो कट्टेरी में रहता है, उसने कहा कि एक हेलिकॉप्टर पेड़ से टकरा गया है और उसमें आग लग गई है।’

आपको बता दें इस हादसे से पूरा देश सदमे में है। घटना के वक्त के कई वीडियो सामने आए हैं। वहीं बहुत से लोग इसके गवाह बने, जिनमें से एक शिवकुमार हैं।

खबर के अनुसार, शिवकुमार ने कहा, ‘मैं तुरंत वहां के लिए निकला और दोपहर 12.05 बजे तक पहुंचा। कुछ सेकेंड बाद हमने एक व्यक्ति को जलते हुए देखा, वह नीचे गिर गए और फिर उनकी मौत हो गई। हम हेलिकॉप्टर के करीब नहीं जा सके क्योंकि आग की लपटें करीब 20 मीटर ऊंची थीं। फिर दुर्घटना को देखने वाले लोगों ने मुझे बताया कि उन्होंने कुछ लोगों को देखा, जो जल रहे थे और जंगल के पास कूद गए। हम वहां पहुंचे और हमने पाया की दो लोगों की सांसें चल रही थीं। मैंने पहले व्यक्ति से बात की और उसे आश्वस्त करने की कोशिश की कि वह ठीक हो जाएगा। दूसरा शख्स जो हमने देखा वे बिपिन रावत थे।’

शिवकुमार ने सीडीएस बिपिन रावत के अंतिम क्षणों के बारे में बताते हुए कहा, ‘उनका शरीर 60 फीसदी जल गया था, सबसे अधिक शरीर का निचला हिस्सा। चेहरे पर मामूली चोट के निशान थे. उन्होंने मेरी तरफ देखा और मेरी बात सुनी। हमने पुलिस और एंबुलेंस को अलर्ट कर दिया था और वे जल्दी पहुंच गए।’ उन्होंने कहा कि कुन्नूर से एक पुलिस के सब-इंस्पेक्टर अन्य ग्रामीणों के साथ मौके पर पहुंचे। वे सभी घायलों को कंबल से ढककर ले गए क्योंकि हमारे पास शुरू में स्ट्रेचर नहीं थे। लगभग तीन घंटे बाद सेना के एक उच्च अधिकारी ने शिवकुमार के कंधों को थपथपाया और उन्हें धन्यवाद दिया। यह वही अधिकारी थे, जिन्होंने शिवकुमार को बताया कि जिस व्यक्ति ने उनसे बात की वह जनरल बिपिन रावत थे और फिर शिवकुमार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की एक तस्वीर दिखाई।

शिवकुमार इस झकझोर देने वाली घटना के बारे में आगे बताते हैं, ‘मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि वह भारतीय सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ हैं और मुझे उनके लिए पानी भी नहीं मिला। मुझे रात भर नींद नहीं आई क्योंकि मुझे उस शख्स के लिए पानी नहीं मिला, जिसने देश के लिए इतना कुछ किया है।’ शिवकुमार यह बोलते वक्त रोने लगे। जानकारी के मुताबिक जनरल रावत का अस्पताल ले जाते समय रास्ते में निधन हो गया था। 20 साल से अधिक समय से इस क्षेत्र में रह रहे शिवकुमार ने वेलिंगटन हेलीपैड तक पहुंचने के लिए सेना और अन्य हेलीकॉप्टरों को अट्टाटी चाय कारखाने के रास्ते से जाते देखा था। लेकिन यह पहली बार था जब उन्होंने कट्टेरी में नानजप्पनचथिराम के रास्ते एक हेलिकॉप्टर को क्रॉस करते देखा।

सोशल मीडिया पर एक मोबाइल फुटेज वायरल हो रही है, जिसमें भारतीय वायुसेना के Mi-17V5 हेलिकॉप्टर को दुर्घटना से कुछ पल पहले नीलगिरी के पास उड़ते हुए देखा गया है। वीडियो में हादसे से पहले हेलिकॉप्टर घने कोहरे में उड़ते हुए दिखा. कथित तौर पर वीडियो को कुन्नूर में छुट्टी मनाने आए एक परिवार ने बनाया था। वीडियो में दिख रहा एक शख्स पूछता है, ‘क्या हुआ? टूट गया है?’ और फिर वीडियो रिकॉर्ड करने वाला व्यक्ति जवाब देता है, ‘हां’। वेबसाइट के अनुसार, उनके रिपोर्टर ने यह सत्यापित करने के लिए घटनास्थल का दौरा किया कि क्या वीडियो कुन्नूर से बनाया गया था? फिर रिपोर्टर को वहां रेलवे ट्रैक और वह स्थान दिखा, जहां से वीडियो रिकॉर्ड किया गया था।

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