उत्तर प्रदेश की तर्ज पर जम्मू-कश्मीर में भी ‘यूपी वाला ‘बुलडोजर’, आतंकियों को जो देंगे अपने घर में शरण, सीज होगी उनकी प्रॉपर्टी, अब्दुल्ला की पार्टी ने किया विरोध

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नई दिल्ली 27 मार्च 2022 (नवीन चन्द्र पोखरियाल, सचित गौतम)

जम्मू कश्मीर पुलिस ने आतंकवादियों के बाद अब उनके समर्थकों और शरणदाताओं के खिलाफ भी बड़ा कदम उठाया है। अब आतंकियों को अपनी मर्जी से शरण देने और अपनी जमीनों का उपयोग करने की छूट देने वाले लोगों की प्रॉपर्टी जब्त की जाएगी।

पुलिस के अनुसार यदि किसी के घर में कोई आतंकी जबरन शरण लेता है तो घर के मुखिया को जल्द से जल्द पुलिस को सूचना देनी होगी। सूचना देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी। श्रीनगर पुलिस ने यह आदेश शुक्रवार (25 मार्च) को जारी किया।

श्रीनगर पुलिस ने इस कदम को आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति बताया है। पुलिस के मुताबिक, “उनकी ही प्रॉपर्टी जब्त होगी, जो विधिवत जाँच के बाद आतंकी को शरण देने के दोषी पाए जाएँगे। आतंकी न सिर्फ सुरक्षा बलों पर हमला करते हैं बल्कि उनके निशाने पर बेगुनाह नागरिक भी होते हैं। लोगों से अपील की जाती है कि वो किसी भी प्रकार की अफवाह पर यकीन न करें। साथ ही हम आगाह करते हैं कि किसी भी आतंकी को अपने संसाधनों का प्रयोग न करने दें।”

पुलिस ने आगे कहा, “सभ्य समाज में आतंकी और आतंकियों के समर्थकों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है हमारी। यह UAPA एक्ट 1967 की सेक्शन 2 (g) और सेक्शन 25 में काफी पहले से लागू है। यह कार्रवाई इसी नियम के अनुसार होगी।”

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रीनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आईपीएस राकेश बलवाल ने ऐसे कई घरों की पहचान करने का दावा किया है, जिन्होंने आतंकियों की मदद की। ये पहचान साल 2020-21 में हुई मुठभेड़ों के बाद की गई है। डाउनटाउन, सौरा, पंथा चौक, बटमालू, नौगाम, हरवन में मौजूद एक दर्जन से अधिक घर ऐसे कार्यों में शामिल रहे हैं।

पहले भी जब्त हो चुकी हैं सम्पत्तियाँ

एक रिपोर्ट के अनुसार श्रीनगर पुलिस द्वारा जारी आदेश के पहले भी आतंकियों और उनके समर्थकों की सम्पत्तियों को ज़ब्त किया जा चुका है। 25 जनवरी 2021 को पुलवामा के अवंतीपोर में पुलिस ने आतंकियों के एक समर्थक का मकान अटैच किया था। वह मकान जैश-ए-मोहम्मद के एक ओवरग्राउंड वर्कर का था। इस मकान में साल 2020 में हुए मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी और सेना के एक जवान बलिदान हुए थे।

इससे पहले 30 जून 2012 को पुलिस ने हरकत उल जिहादी इस्लामी नाम के आतंकी दल के गुलाम मोहम्मद खान के घर को सील किया था। यह घर छन्नपोरा में था। उसी दिन हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी अब्दुल मजीद लोन व उसके अब्बा अब्दुल रज्जाक लोन की जमीन भी पुलिस ने अटैच की थी। ये जमीन उत्तरी सोपोर के बागुव में थी और इसका क्षेत्रफल 15 कनाल था। इस प्रक्रिया के दौरान आतंकी अब्दुल मजीद पाकिस्तान में था।

आतंकियों का साथ नागरिक मजबूरी में देते हैं या चाहत होती है, यह जाँच का विषय है, लेकिन नेता भी इसमें कूद जाएँ तो देश को दिशा कौन देगा? आपकी जानकारी के लिए बता दें कि श्रीनगर पुलिस के नए आदेश का नेशनल कॉन्फ़्रेंस के कुछ नेताओं ने विरोध किया है।

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