अमरिंदर सिंह राजा वडिंग बने पंजाब कांग्रेस के प्रधान, प्रताप सिंह बाजवा होंगे विधायक दल के नेता

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चंडीगढ़ (आज़ाद वार्ता)

कांग्रेस ने पंजाब विधानसभा में मिली हार के बाद पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए युवा हाथ को कमान सौंप दी है । गिद्दड़बाहा से पार्टी के विधायक अमरिंदर सिंह राजा वडिंग को जहां पार्टी का प्रधान बनाया गया है।
इसके साथ ही अनुभव को भी वरीयता देते हुए विधानसभा में पार्टी के नेता प्रताप सिंह बाजवा होंगे । बाजवा इस समय विधानसभा में सबसे सीनियर विधायक हैं। वह चार बार विधानसभा के सदस्य रहने के साथ-साथ दो बार लोकसभा व राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। भारत भूषण आशु को पंजाब कांग्रेस का कार्यकारी अध्‍यक्ष बनाया गया है।
भारत भूषण आशु होंगे पंजाब कांग्रेस के कार्यकारी प्रधान
कांग्रेस के इस कदम से माझा ब्रिगेड को झटका लगा है। माझा ब्रिगेड के सुखजिंदर सिंह रंधावा ,तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और सुखविंदर सिंह सरकारिया विपक्ष के नेता और पार्टी के प्रधान की दौड़ में शामिल थे, लेकिन पार्टी ने प्रदेश की कमान मालवा हल्के देकर स्थिति साफ कर दी है कि आने वाले समय में तेज तर्रार नेता के हाथ में कमान देकर पार्टी फिर से बाउंस बैक करना चाहती है।
अमरिंदर सिंह राजा वडिंग जो अखिल भारतीय युवा कांग्रेस के भी प्रधान रह चुके हैं। वह पिछले तीन बार से लगातार गिद्दड़बाहा हल्के से चुनाव जीत रहे हैं। हालांकि वह इस बार पार्टी के सीनियर नेता और वित्त मंत्री मनप्रीत बादल पर आरोप लगाते रहे कि वह उनकी हल्के में मुखालफत कर रहे हैं। मनप्रीत बादल 65000 के भारी मतों से बठिंडा से चुनाव हार गए, वहीं गिद्दड़बाहा से तमाम विरोध के बावजूद वडिंग अपनी सीट को बचाने में कामयाब रहे हैं । विधानसभा में भी वह जिस तरह से तेज तरार नेता के रूप में उभरे हैं उससे लग रहा है कि सीटें कम होने के बावजूद कांग्रेस पार्टी आम आदमी पार्टी को कड़ी चुनौती देने वाली है।
पार्टी ने लुधियाना से भारत भूषण आशू को कार्यकारी प्रधान बना कर हिंदू वर्ग को भी अपने साथ रखने के संकेत दिए हैं । हालांकि भारत भूषण आशू हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में अपनी सीट को नहीं बचा सके लेकिन वह भी तेज तर्रार नेताओं में से गिने जाते हैं।
उनकी जहां लुधियाना में पार्टी में काफी पकड़ है, वही हिंदू वर्ग में भी उनकी अच्छी पहचान है । वह राहुल गांधी के भी करीबी माने जाते हैं। पिछली बार जब नवजोत सिद्धू को पार्टी की कमान सौंपी गई थी तब उनके साथ चार कार्यकारी अध्यक्ष भी लगाए गए थे लेकिन वह फार्मूला कामयाब नहीं हुआ जिस कारण इस बार पार्टी ने अपनी वह गलती नहीं दोहराई।
दूसरी और प्रताप सिंह बाजवा को विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी सौंपी गई है। विधानसभा में हाल ही में जो सत्र हुए हैं उनमें प्रताप सिंह बाजवा ने जिस तरह से अपनी भूमिका निभाई है और अपने अनुभव का इस्तेमाल किया है उसे देखते हुए पार्टी ने उन्हें विपक्ष का नेता बना दिया है। इसके साथ ही डाा. राजकुमार चब्बेवाल को विधायक दल का उपनेता बनाने का फैसला किया है। इस तरह कांग्रेस ने अनुसूचित वर्ग को भी प्रतिनिधित्व दिया है।

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