जनसंख्या नियंत्रण और धर्मांतरण की बहस के बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत कह गए ऐसी बड़ी बात

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जनसंख्या नियंत्रण पर गरमा गरम चर्चाओं के बीच राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरआरएस) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि योग्यतम की उत्तरजीविता का नियम (सर्ववाइल ऑफ दी फिटेस्ट) उन जानवरों पर लागू होता है, जो खाते है पीते और आबादी बढ़ाते हैं।

जब मानव की बात आती है तो योग्यतम व्यक्ति वह है जो सबसे कमजोर को जीवित रहने में मदद करता है।

भागवत ने जनसंख्या विस्फोट का जिक्र किये बिना यहां कहा , सिर्फ खाना, पीना और आबादी बढाना यह काम तो जानवर भी करते हैं। है ना? जो मजबूत है वह बच जाएगा। यह जंगल का कानून है। योग्यतम की उत्तरजीविता। यह सच्चाई है।” हालांकि, उन्होंने कहा कि यह नियम जानवरों के लिए लागू है, मनुष्यों के लिए नहीं। मनुष्यों में, सबसे योग्य व्यक्ति वह है जो दूसरों को जीवित रहने देंगे। योग्यतम व्यक्ति सबसे कमजोर को जीवित रहने में मदद करेगा। यही मानवीय उत्कृष्टता का अर्थ है।

भागवत ने मानव उत्कृष्टता के लिए श्री सत्य साई विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में यह बयान दिया। यहां उन्होंने महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर, इसरो के पूर्व प्रमुख के कस्तूरीरंगन, भारतीय हिंदुस्तानी गायक एम वेंकटेश कुमार, परमाणु-भौतिक विज्ञानी आर चिदंबरम, पर्यावरणविद् पूर्णिमा देवी बर्मन और सी श्रीनिवास को कई लोगों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवा देने के लिए सम्मानित किया। सरसंघचालक के इस बयान को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुछ दिनों पूर्व दिये गये बयान के परिपेक्ष्य में देखा जा रहा है जिसमे उन्होंने कहा था जनसंख्या असंतुलन को जारी रखा गया तो यह अव्यवस्था और अराजकता का कारण बन सकता है।

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