अमित शाह बोले: आतंकवाद के खिलाफ मोदी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति, यह मानवाधिकारों के हनन का सबसे बड़ा रूप

0

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि आतंकवाद मानवाधिकारों के उल्लंघन का सबसे बड़ा रूप है और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई मानवाधिकारों के उलट नहीं हो सकती।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के 13वें स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी फंडिंग के खिलाफ और उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है जिन्होंने आतंकियों की मदद की थी और समाज में सम्मानपूर्वक रह रहे थे।

आतंकवाद समाज के लिए सबसे बड़ा अभिशाप
शाह ने कहा, आतंकवाद समाज के लिए सबसे बड़ा अभिशाप है, और अगर कोई देश है जो आतंकवाद से सबसे ज्यादा पीड़ित है, तो वह भारत है। मानवाधिकार संगठनों के साथ मेरे कुछ मतभेद हैं। जब भी कोई आतंकवाद विरोधी कार्रवाई होती है, तो कुछ मानवाधिकार समूह इस मुद्दे को उठाने के लिए आगे आते हैं। लेकिन मेरा दृढ़ विश्वास है कि आतंकवाद से बड़ा मानवाधिकार उल्लंघन नहीं हो सकता है। यह सबसे बड़ा मानवाधिकारों के उल्लंघन का रूप है।

आतंकवाद को जड़ से खत्म करना बेहद जरूरी
एनआईए और अन्य सुरक्षा संगठनों के अधिकारियों की तालियों के बीच शाह ने कहा, आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई मानवाधिकारों के विपरीत नहीं हो सकती। मानवाधिकारों की रक्षा के लिए आतंकवाद को जड़ से खत्म करना बेहद आवश्यक है। गृह मंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है और भारत से इस खतरे को खत्म करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि एनआईए ने टेरर फंडिंग के मामले दर्ज किए हैं और इन मामलों ने जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद को जड़ से खत्म करने में काफी हद तक मदद की है।

शाह ने कहा कि पहले टेरर फंडिंग के खिलाफ कोई उचित कार्रवाई नहीं होती थी। उन्होंने कहा कि 2018 में पहली बार टेरर फंडिंग के खिलाफ मामले दर्ज किए गए और इस वजह से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए कोई आसान रास्ता नहीं है।

जम्मू-कश्मीर में स्लीपर सेल नष्ट
शाह ने कहा, 2021-22 में एनआईए ने कई मामले दर्ज किए, जिसने जम्मू-कश्मीर में स्लीपर सेल को नष्ट करने में मदद की। इसने रसद और आपूर्ति श्रृंखला और उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है जिन्होंने आतंकवाद की मदद की थी और समाज में सम्मानपूर्वक रह रहे थे। एनआई ने उनका पर्दाफाश किया। यह एक बड़ी बात है। शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और आतंकवादियों के खिलाफ लड़ना एक बात है और आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए की गई कार्रवाई दूसरी बात है। हमें जम्मू और कश्मीर से आतंकवाद को जड़ से खत्म करना है। इसलिए हमें टेरर फंडिंग के तंत्र को नष्ट करना होगा। एनआईए द्वारा दर्ज जम्मू-कश्मीर के टेरर फंडिंग मामलों के कारण, आतंक के लिए फंड उपलब्ध कराना अब बहुत मुश्किल हो गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *