अहमद पटेल के कहने पर तीस्ता को गोधरा कांड के बाद मिले थे 30 लाख, SIT के हलफनामे में खुलासा

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तीस्ता सीतलवाड़ की ज़मानत याचिका में एसआईटी की एफिडेविट में बड़ा खुलासा हुआ है. गलत पेपर बना कर कानून के साथ खिलवाड़ करने के आरोप में तीस्ता सीतलवाड़ और पूर्व आईपीएस अधिकारी श्रीकुमार की गिरफ़्तारी के बाद तीस्ता के ज़रिए ज़मानत याचिका अहमदाबाद के सिविल एन्ड सेसन्स कोर्ट में दाखिल की गयी थी.

अहमद पटेल से दो बार पैसे लेने का आरोप
ज़मानत के लिए आज सुनवाई के दौरान इस मामले में जांच के लिए बनायी गयी एसआईटी ने एक एफिडेविट फ़ाइल किया और कहा कि कांग्रेस अध्यक्षा के सलाहकार अहमद पटेल के पास से दो बार पैसे लिए गए हैं.

जिस का ज़िक्र एफिडेविट में किया गया है. इस एफिडेविट में ये भी लिखा गया है कि ये पैसे तीस्ता के ज़रिए सर्किट हाउस में लेनदेन में इस्तेमाल हुई थी. जिस के सबूत और साक्षी होने की बात भी एफिडेविट में की गयी है.

अभी भी चल रही एसआईटी की जांच
SIT ने तिस्ता को ज़मानत ना देने के लिए एफिडेविट पेश किया. साथ ही एसआईटी ने दावा किया है कि तीस्ता के ज़रिए गुजरात और गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री को बदनाम कर राजनैतिक रोटियां सेकने के प्रयास किए गए.

तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ अभी भी एसआईटी की जांच चल रही है, जिस वजह से वो गवाह को डरा धमका सकती है. और सबूत को टेम्पर कर सकती है. जिस वजह से तीस्ता को ज़मानत नहीं देनी चाहिए.

तीस्ता सीतलवाड़ के करीबी रहे रईस खान ने पिछले दिनों दावा किया था कि गिरफ्तारी तो पहले हो जानी चाहिए थी, जब हमने उनके खिलाफ शिकायत की थी. उन्होंने कहा था कि तीस्ता जैसे लोग जो विक्टिम के नाम पर पैसा लाते हैं, खा जाते हैं और अपने आपको सोशल एक्टिविस्ट कहते हैं, विटक्टिम के साथ जो विश्वास घात हुआ उसके लिए विक्टिम उसको माफ नहीं करेंगे.

रईस ने कहा था कि कि तीस्ता ने विक्टिम के साथ धोखा किया है. ऐसे लोगों को माफ नहीं किया जाना चाहिए. तीस्ता ने देश और विदेश से फंड जमा किया और उसका एक परसेंट भी हिस्सा विक्टिम को नहीं दिया.

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