दिग्गजों पर दांव: भाजपा ने दो राष्ट्रीय चेयरमैन को दिया टिकट, दलित वोटरों के लिए सांपला और सिख वोट के लिए ललपुरा मैदान में

पंजाब में भाजपा ने अपनी दूसरी सूची जारी कर दिग्गजों पर दांव खेला है। जहां राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन विजय सांपला को फगवाड़ा विधानसभा में उतारा है, वहीं रूपनगर से राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन इकबाल सिंह ललपुरा को।
भाजपा ने दूसरी सूची में भी सिख चेहरों को पूरी तरजीह दी है। सांपला लोकसभा चुनाव जीतकर केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं और वर्तमान में वह राष्ट्रीय अनुसूचित जाति के चेयरमैन थे। दोआबा में 42 फीसदी अनुसूचित जाति वोट बैंक हैं और इसमें रविदासिया समाज का बहुसंख्यक वोट है। सांपला को मैदान में उतारकर भाजपा ने दोआबा में दांव खेला है। अमर उजाला ने पहले ही इस बात का खुलासा कर दिया था कि दोआबा में अपने पांव जमाने के लिए सांपला को मैदान में उतार सकती है। दोआबा में दो ही बड़े दलित चेहरे हैं, जिसमें एक सोमप्रकाश कैंथ केंद्रीय राज्यमंत्री हैं, जबकि दूसरे विजय सांपला राष्ट्रीय अनुसूचित जाति के चेयरमैन।
सोमप्रकाश कैंथ ने 2017 का विधानसभा चुनाव फगवाड़ा से जीता था, लेकिन पार्टी ने उनका इस्तीफा दिलाकर होशियारपुर से लोकसभा चुनाव लड़ाया था। पार्टी अब सोमप्रकाश को दोबारा विधायक का चुनाव लड़वाना नहीं चाह रही थी, लिहाजा सांपला ही उनके पास दूसरे कद्दावर नेता थे। सांपला के बेटे साहिल सांपला भी शाम चौरासी से टिकट मांग रहे थे, लेकिन शाम चौरासी सीट ढींडसा के खाते में डाल दी गई थी, उस दिन ही सब फाइनल हो गया था कि साहिल के स्थान पर उनके पिता विजय सांपला को फगवाड़ा से मैदान में उतारा जा सकता है।
वहीं दूसरी तरफ सिख मिशनरी व पूर्व एसएसपी इकबाल सिंह ललपुरा को भी रूपनगर से भाजपा ने टिकट दिया है। ललपुरा आरएसएस के बेहद करीबी हैं और हाल ही में उनको राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का चेयरमैन नियुक्त किया गया था। इकबाल सिंह ललपुरा भी दिग्गज नेताओं में शुमार हैं। वहीं पार्टी ने दूसरी सूची में 14 सिख चेहरों को आगे लाकर मैदान में उतारा है। पार्टी की तरफ से सिख चेहरों को तरजीह दी जा रही है। अपने कई टकसाली नेताओं को भाजपा ने पीछे कर सिख चेहरों को आगे किया है।
जालंधर कैंट में भाजपा ने अपने टकसाली नेता अमित तनेजा की टिकट काट दी है और उनके स्थान पर अकाली दल से आए सर्बजीत सिंह मक्कड़ को टिकट दिया गया है। हालांकि यह सीट तनेजा को देने की मांग उठ रही थी लेकिन पार्टी ने मक्कड़ के साथ वादा कर रखा था, लिहाजा पार्टी ने कैंट सीट से मक्कड़ को उतारा है।