आतंकी के बड़े कनेक्शन का हुआ खुलासा- गोरखनाथ मंदिर पर हमला करने वाले अब्बासी ने 2020 में ली थी आईएसआईएस की शपथ, 2013 से है आतंकी कनेक्शन, यू.पी. पुलिस ने किया खुलासा

नई दिल्ली 1 मई 2022 (नवीन चन्द्र पोखरियाल)
गोरखनाथ मंदिर परिसर में धारधार हथियार के साथ घुसने का प्रयास करने वाले अहमद मुर्तजा अब्बासी को लेकर यूपी पुलिस ने नया खुलासा किया है। पुलिस ने उसके पास मिले ई-डिवाइस व सोशल मीडिया अकॉउंट से पता लगाया है कि वो आईएसआईएस आतंकियों के साथ संपर्क में था और 2014 में उसकी गिरफ्तारी बेंगलुरु पुलिस द्वारा भी की गई थी।
एडीजी प्रशांत कुमार ने मीडिया को बताया, “यूपी एटीएस द्वारा आरोपित अहमद मुर्तजा अब्बासी की जाँच के बाद, उसके कई ई-डिवाइस, उसके विभिन्न सोशल मीडिया अकाउंट जैसे जीमेल, ट्विटर, फेसबुक और ई-वॉलेट के डेटा की पड़ताल की गई। डेटा छानबीन में सामने आया कि आरोपित मुर्तजा अब्बासी सोशल मीडिया के जरिए आईएसआईएस आतंकी और उसके समर्थकों के साथ संपर्क में था। साल 2014 में उसकी गिरफ्तारी आईएसआईएस प्रोपेगेंडा एक्टिविस्ट मेहदी मसरूर बिस्वास से जुड़े केस में भी हुई थी। वह आतंकी संगठन, कट्टरपंथी प्रचारक और आईएसआईएस आतंक को बढ़ावा देने वाले लोगों से प्रभावित था।”
एडीजी ने जानकारी दी कि आरोपित ने अपने बैंक के जरिए आईएसआईएस की आतंकी गतिविधियों को समर्थन देने के लिए करीब 8.5 लाख भारतीय रुपए भेजे। ये रुपए उसने आईएसआईएस समर्थकों के संगठनों के जरिए भेजे जो यूरोप और अमेरिका में हैं। एडीजी प्रशांत कुमार के अनुसार आरोपित अब्बासी ने एके-47, एम-4 कार्बाइन और दूसरे हथियारों से जुड़े वीडियो भी इंटरनेट के माध्यम से भेजे थे। अपनी आतंकी इच्छाओं को पूरा करने के लिए उसने गोरखनाथ मंदिर के दक्षिणी द्वार पर लोक वुल्फ अटैक किया। उसने वहाँ ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा अधिकारियों की राइफल छीनने की कोशिश की। उसका इरादा हथियार छीनकर बड़े हमले को अंजाम देने का था। पुलिस ने ये जानकारी भी दी कि मुर्तजा ने साल 2013 में अंसार-उल-तौहीद नामक आतंकवादी संगठन की शपथ ली थी, जिसका 2014 में आईएसआईएस में विलय हो गया। 2020 में अब्बासी ने फिर आईएसआईएस की शपथ ली।

गोरखनाथ मंदिर पर हमला
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर में 3 अप्रैल, 2022 को मुर्तज़ा अब्बासी ने धारदार हथियार ले कर घुसने का प्रयास किया था। इस दौरान उसने रोके जाने पर ‘अल्लाह हु अकबर’ के नारों के साथ पीएसी के 2 जवानों को घायल कर दिया था। मुर्तजा ने पुलिसकर्मियों के हथियार छीनने का भी प्रयास किया था। पड़ताल में पता चला था कि वह गोरखपुर के सिविल लाइंस का रहने वाला है। उसे बचाने के लिए उसके मानसिक तौर पर विक्षिप्त होने की खबरें भी मीडिया में कही गई। हालाँकि डॉक्टर के बयान और अब्बासी का बैंकग्राउंड देखते हुए इन दलीलों को दरकिनार कर दिया गया और राष्ट्रीय सुरक्षा के नाते जाँच आगे बढ़ी।