बड़ी खबर-ड्रग्स केस में अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने किया सरेंडर, सुप्रीम कोर्ट से 23 फरवरी तक मिली थी राहत

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मोहाली, पंजाब 24 फरवरी 2022 (नवीन चन्द्र पोखरियाल)

ड्रग्स केस में जमानत पर चल रहे शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से मिली राहत खत्म हो गई है। इसके बाद वह आज मोहाली कोर्ट में पहुंचे हैं जहां उन्होंने सरेंडर कर दिया हैं। सरेंडर करने के बाद में मजीठिया पक्की जमानत के लिए पेटीशन दायर कर सकते हैं। आपको बता दें कि मजीठिया के खिलाफ ड्रग तस्करों के साथ मिलीभगत का आरोप है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव लड़ने के लिए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी पर चुनाव के बाद सरेंडर करने के आदेश दिए थे।

मजीठिया ने किया था सुप्रीम कोर्ट का रुख

बिक्रम मजीठिया के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद उन्होंने मोहाली अदालत में अंतरिम जमानत की पटीशन दायर की थी, जो खारिज हो गई थी। इसके बाद उन्होंने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कुछ दिनों की अंतरिम राहत मिलने बाद उनकी पेटीशन खारिज हो गई, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की तरफ रुख किया था। सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा चुनाव को देखते हुए 24 फरवरी तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी जो की खत्म हो गई है।

पीठ ने निचली अदालत को भी मजीठिया के आत्मसमर्पण करने के बाद उनकी नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई करने और जल्दी निर्णय करने का निर्देश दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने 31 जनवरी को को ड्रग्स केस से जुड़े एक मामले में शिरोमणि अकाली दल नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को राहत प्रदान करते हुए पंजाब पुलिस को उन्हें 23 फरवरी तक गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दिया था, ताकि वह राज्य में चुनाव प्रकिया में हिस्सा ले सकें।

न्यायालय ने यह भी कहा था, ‘‘हम एक लोकतंत्र हैं, जहां राजनीतिज्ञों को नामांकन दाखिल करने की अनुमति दी जानी चाहिए और ऐसी धारणा नहीं बननी चाहिए कि ‘दुर्भावना से प्रेरित’ होकर मुकदमे दायर किये गये हैं.।’’

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने विधानसभा चुनावों से ऐन पहले राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ आपराधिक मामलों में अचानक बढ़ोतरी होने का उल्लेख करते हुए पंजाब सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पी. चिदम्बरम से कहा कि वह अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दें कि ऐसी धारणा न बने कि राज्य सरकार राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को प्रतिशोध की भावना से निशाना बना रही है।

मजीठिया पर पिछले साल 20 दिसंबर को स्वापक औषधि और मन: प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने 24 जनवरी को मजीठिया की गिरफ्तारी पूर्व जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की गई थी। शीर्ष अदालत ने गत 27 जनवरी को पंजाब सरकार को मौखिक रूप से कहा था कि वह 31 जनवरी तक मजीठिया के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करे।

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