माता वैष्णो देवी मंदिर जाने वालों के लिए बड़ी खबर-अब बंद होने वाला है 60 साल पुराना यात्रा पर्ची सिस्टम, अब वैष्णो देवी के ऐसे होंगे दर्शन

नई दिल्ली 22 जुलाई 2022 (नवीन चन्द्र पोखरियाल)
अगर आप माता वैष्णो देवी के दर्शन कर चुके हैं तो आपको पता होगा कि यात्रा पर्ची के बिना श्रद्धालुओं को बाणगंगा पर प्रवेश नहीं दिया जाता है। यानी कि आपकी यात्रा का पहला पड़ाव यात्रा पर्ची लेकर बाणगंगा से प्रवेश करना है, लेकिन आने वाले समय में आपको दर्शन करने के लिए यात्रा पर्ची नहीं मिलेगी। जी हां, श्राइन बोर्ड यात्रा पर्ची की जगह नई तकनीक पर काम कर रहा है जिसके अमल में आने के बाद 60 साल से चली आ रही यात्रा पर्ची की परम्परा खत्म हो जाएगी।
भारी बारिश एवं भूस्खलन की आशकांओं के बीच प्रशासन द्वारा श्रीमाता वैष्णों देवी के नए मार्ग को यात्रियों के लिए बंद कर दिया गया है। नया यात्रा मार्ग बंद होने के कारण अद्र्ध कुमारी से भवन के बीच चलने वाली बैटरी कार सेवा को भी स्थगित किया गया है। इसी बीच खराब मौसम के कारण कटड़ा से सांझी छत की हैलीकॉप्टर सेवा भी स्थगित की गई है। माता के दर्शनों के लिए आने वाले यात्रियों को वर्तमान में पारंपरिक पुराने मार्ग पर ही जाने की अनुमति दी जा रही है।
अगस्त से शुरू होगा नया सिस्टम
दरअसल 1 जनवरी 2022 को भवन पर हुए हादसे के बाद श्राइन बोर्ड की तरफ से यात्रियों की सुरक्षा के लिए कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। उनमें से यात्री पर्ची की बजाय नई तकनीक युक्त रेडियो फ्रीक्वैंसी आइडैंटिफि केशन (आर.एफ. आई.डी.)सर्विस भी एक है। नई आर.एफ.आई.डी. सर्विस को अगस्त महीने से शुरू किया जाएगा।
कब शुरू हुई यात्रा पर्ची?
सबसे पहले 1962 में सूचना विभाग ने श्रद्धालुओं के लिए यात्रा पर्ची का सिस्टम शुरू किया था। 1970 में पर्यटन विभाग ने यात्रा पर्ची की जिम्मेदारी संभाली। 1986 में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के गठन के बाद यात्रा पर्ची की जिम्मेदारी श्राइन बोर्ड ने अपने हाथों में ले ली। अब इस सुविधा को बंद करके आरएफआईडी कार्ड सिस्टम लागू किया जा रहा है।
क्या है आरएफआईडी कार्ड?
आरएफआईडी कार्ड पूरी तरह से चिपयुक्त है, जिसे सर्वर के साथ कनेक्ट किया जाएगा। इसके लिए बाकायदा कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। कार्ड में श्रद्धालु की फोटो के साथ पूरी तरह की जानकारी दी गई होगी। यात्रा शुरू करने से पहले श्राइन बोर्ड के यात्रा पंजीकरण काउंटर से आरएफआईडी कार्ड मिलेगा। यात्रा पूरी होने के बाद इस कार्ड को श्रद्धालु को वापस करना होगा। इस कार्ड को मेट्रो टोकन की तरह कई बार यूज किया जा सकता है।
दर्शन के बाद वापस करना होगा कार्ड
एक आरएफआईडी की कीमत 10 रुपये है। लेकिन श्राइन बोर्ड की तरफ से श्रद्धालुओं को यह निशुल्क दिया जाएगा। श्राइन बोर्ड ही इसका खर्चा उठाएगा। आरएफआईडी कार्ड का टेंडर श्राइन बोर्ड ने पुणे की एक कंपनी को दिया है। यदि आप ऑनलाइन पंजीकरण करते हैं तो कटड़ा पहुंचने पर आपके फोन पर मैसेज आएगा कि आपको कितने बजे, किस काउंटर पर जाकर आरएफआईडी कार्ड लेना है। इसके लिए वायरलैस फिडेलिटी फैसिलिटी विकसित की जा रही है।