भाजपा पंजाब प्रमुख सुनील जाखड़ ने किया बड़ा उलटफेर, अबोहर नगर निगम पर भाजपा का कब्जा,भाजपा मे 49 पार्षद शामिल,काग्रेस को दिया बड़ झटका

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चंडीगढ (आज़ाद वार्ता)

भाजपा के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने कांग्रेस पार्टी से अबोहर नगर निगम छीन ली है। अबोहर के 49 के 49 पार्षदों ने भाजपा का दामन थाम लिया। इसमें मेयर और डिप्टी मेयर भी शामिल हैं।
पंजाब के इतिहास में यह पहला मौका है जब विपक्ष की किसी पार्टी ने किसी नगर निगम या नगर काउंसिल पर अपना कब्जा जमाया हो।

आम तौर पर सत्ता पक्ष ही नगर निगम या नगर काउंसिल पर अपना कब्जा जमाती रही है। अबोहर नगर निगम पर कब्जा जमाकर सुनील जाखड़ ने न सिर्फ कांग्रेस बल्कि भाजपा के वरिष्ठ नेता जो उन्हें बाहरी मानकर साथ नहीं चल रहे तो अपनी ताकत का एहसास करवा दिया है।

जाखड़ ने किया बड़ा उलटफेर

अहम बात यह है कि जाखड़ ने यह बड़ा उलटफेर एक माह के भीतर ही किया है। जाखड़ ने 11 जुलाई को पंजाब भाजपा की कमान संभाली थी और एक माह पूरा होते-होते उन्होंने पंजाब में भाजपा की अगुवाई वाली एक नगर निगम को खड़ा कर दिया। प्रदेश भाजपा की कमान संभालने के बाद से ही यह तय हो गया था कि जाखड़ कांग्रेस के लिए बड़ी परेशानी खड़ी कर सकते हैं। इसका एक कारण 43 विधायकों के समर्थन के बावजूद कांग्रेस ने उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया था।

नेतृत्व क्षमता का एहसास करवा दिया

इसी बात से आहत होकर जाखड़ ने 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान ही सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी लेकिन बाद में वह भाजपा में चले गए थे। अहम बात यह है कि अबोहर के 49 में से 49 पार्षदों को भाजपा ज्वाइन करवाकर जाखड़ ने न सिर्फ आम आदमी पार्टी की सरकार और कांग्रेस को अपनी ताकत का एहसास करवाया बल्कि भाजपा के नेताओं जोकि उनके लीडरशिप के नीचे चलने को तैयार नहीं दिखाई दे रहे को अपने नेतृत्व क्षमता का एहसास करवा दिया।

अबोहर में जाखड़ का करिश्मा

बता दें कि पंजाब में 13 नगर निगम हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के भाजपा में जाने के बाद पटियाला नगर निगम के मेयर भी भाजपा में चले गए थे। हालांकि तीन माह पूर्व पटियाला नगर निगम का कार्यकाल खत्म हो चुका है। राज्य में पांच नगर निगम के चुनाव लंबित हैं। वर्तमान में अब अबोहर ही एक मात्र ऐसी नगर निगम है, जहां पर भाजपा का मेयर बनेगा। यह बताना भी आवश्यक है कि अबोहर में जाखड़ के भतीजे संदीप जाखड़ कांग्रेस के विधायक हैं।

सुनील जाखड़ के भाजपा में जाने के साथ ही कांग्रेस ने संदीप जाखड़ से दूरी बना ली थी। कांग्रेस की यह भी मजबूरी है कि वह संदीप जाखड़ को पार्टी से बर्खास्त नहीं कर सकती क्योंकि अगर ऐसा करते हैं तो संदीप जाखड़ भाजपा में चले जाएंगे और विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या तीन हो जाएगी और कांग्रेस की संख्या घटकर 17 रह जाएगी।

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