Coronavirus: स्कूलों को फिर से खोलने को लेकर केंद्र ने गाइडलाइन में किया बड़ा बदलाव

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नई दिल्ली, 03 फरवरी: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों में शैक्षणिक संस्थानों को फिर से खोलने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी क्योंकि कोरोना की तीसरी लहर लगभग खत्म हो चुकी है।

ऐसे में अब केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि वह अपनी राज्य की स्थिति को देखते हुए शैक्षणिक संस्थानों और स्कूलों को फिर से खोल सकते हैं। इसी के साथ केंद्र सरकार ने राज्यों को यह तय करने की अनुमति दी है कि स्कूली छात्रों को शारीरिक कक्षाओं में भाग लेने के लिए माता-पिता की सहमति की आवश्यकता है या नहीं, ये आप खुद तय करें। इसके लिए माता-पिता से सहमति पत्र लेने की जरूरत नहीं है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी संशोधित दिशानिर्देशों में कहा गया है कि माता-पिता से बच्चों के स्कूल आने के लिए अनुमति या सहमति पत्र लेना है या नहीं, ये राज्य सरकार तय कर सकती है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कहा, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सरकारें अपने स्तर पर यह तय कर सकती हैं कि क्या उनके स्कूलों को शारीरिक कक्षाओं में भाग लेने वाले छात्रों के माता-पिता की सहमति लेने की आवश्यकता है। पहले शिक्षा मंत्रालय ने एसओपी में कहा था कि स्कूल आने के लिए माता-पिता से लिखित सहमति लेनी होगी।

ऑनलाइन क्लास को लेकर भी सरकार ने कही ये बात

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी संशोधित दिशानिर्देशों में ऑनलाइन क्लास पर भी अधिक ध्यान केंद्रित करने को कहा गया है। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि ऑनलाइन क्लास में ब्रिज पाठ्यक्रम तैयार करके, जिन छात्रों को अधिक जानकारी की आवश्यकता है, वैसे छात्रों पर ध्यान केंद्रित करके, यह सुनिश्चित करते हुए कि प्रत्येक छात्र पाठ्यक्रम को अच्छे से पढ़ें, ये सुनिश्चित किया जाए। ऑनलाइन क्लास को अधिक सरल और रूची वाला बनाए जाने को भी कहा गया है।

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अक्टूबर 2020 में और फिर पिछले साल फरवरी में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी स्कूलों को फिर से खोलने के लिए मौजूदा स्कूल मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) में इन संशोधित दिशानिर्देशों को जोड़ने के लिए कहा गया है।

स्कूलों की कार्य समिति ने कहा- जल्द खुल जाने चाहिए सभी स्कूल

गैर सहायता प्राप्त निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों की कार्य समिति के सचिव भरत अरोड़ा ने कहा कि इस कदम से राज्य सरकारों को सभी हितधारकों की राय पर विचार करने और फिर से खोलने के लिए आवश्यकता-विशिष्ट एसओपी का मसौदा तैयार करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, यह हाई टाइम है कि सभी हितधारकों को यह एहसास हो कि सीखने से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है और भौतिक स्थानों को बिना किसी और देरी के फिर से खोलना चाहिए। हम डीडीएमए और उसके सदस्यों से स्कूलों को फिर से खोलने के लिए सभी हितधारकों, स्कूलों, शिक्षकों और अभिभावकों से आह्वान करने की अपील करते हैं।”

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