केन्द्र सरकार का देवभूमि उत्तराखंड को बड़ा तोहफा- ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन, 12 स्टेशन, 17 सुरंग और 35 पुल

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हिमालय के नीचे बन रहे 10 रेलवे स्टेशन

बद्रीनाथ धाम का सफर होगा आसान

यात्रा का समय 7 घंटे से घटकर सिर्फ 2 घंटे

प्रोजेक्ट से हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार

नई दिल्ली 20 मार्च 2022 (नवीन चन्द्र पोखरियाल)

उत्तराखंड में देश की सबसे लंबी 15 किलोमीटर की रेल सुरंग ऋषिकेश और कर्णप्रयाग के बीच बन रही है। इस रेल लाइन का सपना जल्द साकार होने वाला है। इस प्रोजेक्ट के बाद ऋष‍िकेश और कर्णप्रयाग के बीच की यात्रा रेल से मात्र दो घंटे में पूरी की जा सकेगी। साथ ही, इससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। खास बात यह है कि इस रेल लाइन का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा सुरंग में है। इसमें अब 17 सुरंगों, 35 पुलों और 12 स्टेशनों का आधा काम हो चुका है।

यात्रा का समय 7 घंटे से घटकर सिर्फ 2 घंटे

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन प्रोजेक्ट (Rishikesh Karnprayag Rail Line Project) का काम तेजी से चल रहा है। हर दिन लगभग 100 मीटर सुरंग बनाई जा रही है। रेल विकास निगम के वरिष्ठ परियोजना प्रबंधक ओमप्रकाश मालगुड़ी ने बताया कि 126 किलोमीटर की इस रेल परियोजना के 9 फेज में 80 प्रवेश द्वार होंगे। इसमें 50 द्वार तैयार हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट के पूरा होते ही ऋषिकेश और कर्णप्रयाग के बीच यात्रा का समय 7 घंटे से घटकर सिर्फ 2 घंटे हो जाएगा। इससे कर्णप्रयाग से बद्रीनाथ का 4.30 घंटे का सफर भी मात्र दोे घंटे में तय हो जाएगा. यानी ऋषिकेश से बद्रीनाथ अब सिर्फ चार घंटे लगेंगे। इस यात्रा में पहले 11 घंटे लगते थे।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन प्रोजेक्ट को दिसंबर 2025 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। फिलहाल सिवई कालेश्वर में अलकनंदा पर 125 मीटर के बो स्ट्रिंग रोड ब्रिज को लॉन्च करने का काम जोरों पर चल रहा है। यह पुल कर्णप्रयाग स्टेशन को उत्तराखंड में एनएच 58 से जोड़ने में मदद करेगा।

12 स्टेशन, 17 सुरंग और 35 पुल बनेंगे

रेल लाइन प्रोजेक्ट के तहत इसमें 12 स्टेशन, 17 सुरंग और 35 पुल बनाए जाएंगे। इसके अलावा राज्य के चमोली जिले में गौचर भट्टनगर और सिवाई में रेलवे स्टेशन भी बनने हैं। यहां अप्रोच रोड, रेल और रोड ब्रिज बनाने का काम चल रहा है। 16216 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट में 10 स्टेशन सुरंग के अंदर होंगे। 12 में सिर्फ दो स्टेशन शिवपुरी और ब्यासी जमीन के उपर होंगे। इस 126 किलोमीटर की रेल लाइन में लगभग 105 किलोमीटर हिस्सा अंडरग्राउंड होगा।

प्रोजेक्ट से हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार

इस प्रोजेक्ट (ऋषिकेश कर्ण प्रयाग रेल लाइन प्रोजेक्ट) में 126 किलोमीटर सिंगल-ट्रैक रेलवे लाइन का निर्माण चल रहा है। इसमें रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएन), 12 स्टेशन और एलएंडटी (एल एंड टी), एचसीसी, एनईसी, मेघा वगैरह जैसे कई ठेकेदार हैं। इस पर‍ियोजना के पूरा होने से हजारों लोगों को नौकर‍ियां म‍िलेंगी।

2025 तक पूरा होगा प्रोजेक्ट

इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 4,200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इस बजट से निर्माण कार्यों में तेजी आएगी। यह बजट 2021-22 के लिए प्रस्तावित है। इस बजट के मिलने से रेलवे लाइन का निर्माण जोरों से जारी रह सकेगा। सरकार ने साल 2024-25 तक कर्णप्रयाग-देवप्रयाग ब्लॉक सेक्शन का काम पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा है।

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