चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव: पंजाब में विधानसभा से पहले नगर निगम चुनाव पर सियासत तेज, अमित शाह समेत तीन राज्यों के मुख्यमंत्री करेंगे प्रचार

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अगले साल पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले चंडीगढ़ नगर निगम (Chandigarh nagar nigam) का चुनाव होना है और इसमें जीत के लिए सभी बड़े दल सक्रिय हो गए हैं. यही नहीं चुनाव में प्रचार के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी समेत कई बड़ी हस्तियां आएंगी.

चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में इस बार बीजेपी और आम आदमी पार्टी के स्टार प्रचारकों की हाई प्रोफाइल लिस्ट की वजह से ये मुकाबला बेहद रोचक हो गया है. हर बार की तरह चंडीगढ़ में होने वाले कांग्रेस-बीजेपी के पारंपरिक मुकाबले की बजाए इस बार चंडीगढ़ नगर निगम में आम आदमी पार्टी के खुलकर कूद पड़ने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. नगर निगम चुनाव के लिए बीजेपी ने अपने तमाम दिग्गज नेताओं को चुनाव मैदान में उतार दिया है.

अमित शाह ही नहीं CM योगी भी करेंगे प्रचार

वर्तमान में चंडीगढ़ नगर निगम के 26 वार्डों में से 20 सीटों पर बीजेपी काबिज है. जबकि पांच पर कांग्रेस और एक पर अकाली दल का कब्जा है. इस बार 13 गांवों के नगर निगम में शामिल होने से वार्डों की संख्या बढ़ाकर 35 कर दी गई है. इसके अलावा चंडीगढ़ नगर निगम में कुछ नामांकित सदस्य भी होते हैं और चंडीगढ़ के सांसद का वोट भी मान्य होता है. ये सब सदस्य मिलकर मेयर का चुनाव करते हैं. ऐसे में इन चुनाव में किस पार्टी को कितनी सीटें मिलती हैं ये काफी प्रभाव डालेगा.

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने स्टार प्रचारकों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों को चुनाव प्रचार के लिए उतारने की तैयारी कर ली है. चंडीगढ़ नगर निगम में 24 दिसंबर को मतदान होगा, जबकि 27 दिसंबर को मतगणना होगी. 30 दिसंबर तक चुनाव प्रक्रिया को संपन्न किया जाएगा.

चंडीगढ़ में भी दिख रहे केजरीवाल के पोस्टर

जबकि आम आदमी पार्टी भी अरविंद केजरीवाल के चेहरे पर चुनाव प्रचार में उतर चुकी है और चंडीगढ़ में जगह-जगह “चंडीगढ़ में भी केजरीवाल” पोस्टर लगाए गए हैं. आम आदमी पार्टी की तरफ से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अलावा उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राघव चड्ढा, सांसद भगवंत मान समेत अन्य कई नेता चुनाव प्रचार में उतरेंगे.

वहीं कांग्रेस की ओर से भी अलका लांबा, कन्हैया कुमार, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी समेत कई नेता चुनाव प्रचार में उतरेंगे. चंडीगढ़ कांग्रेस की ओर से पंजाब के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को भी चुनाव प्रचार में भेजने की मांग कांग्रेस आलाकमान को भेजी गई है.

बीजेपी को चुनाव में हार का डर!

इन तमाम दिग्गज नेताओं के चुनाव प्रचार में उतरने की वजह से चंडीगढ़ नगर निगम का चुनाव बेहद ही रोचक बन गया है और इस बार के चुनाव को हाईप्रोफाइल भी माना जा रहा है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि बीजेपी को इस बार चुनाव में हार का डर है और इसी वजह से पार्टी ने अपने तमाम दिग्गज नेताओं को महज एक नगर निगम चुनाव प्रचार के लिए मैदान में उतार दिया है.

कांग्रेस के चंडीगढ़ अध्यक्ष सुभाष चावला ने अरविंद केजरीवाल पर भी हमला बोलते हुए कहा कि वो जिस दिल्ली मॉडल को चंडीगढ़ में लागू करने की बात कहकर चुनाव मैदान में उतरे हैं, पहले उस मॉडल को चंडीगढ़ की बजाय दिल्ली में नगर निगम चुनाव जीतकर वहां पर लागू करवा लें. आम आदमी पार्टी दिल्ली में अब तक नगर निगम पर कब्जा नहीं कर सकी है.

वहीं इस पूरे मामले को लेकर चंडीगढ़ बीजेपी के प्रवक्ता कैलाश जैन ने कहा कि बीजेपी हर चुनाव को पूरे ही अनुशासन और शिद्दत के साथ लड़ती है. इसी वजह से चंडीगढ़ नगर निगम चुनावों के लिए पार्टी ने पूरा जोर लगा दिया है और इससे पहले भी पार्टी के राष्ट्रीय नेता नगर निगम चुनाव में प्रचार करने के लिए आते रहे हैं और विपक्ष इसे बेवजह बीजेपी का डर करार दे रहा है.

विधानसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल!

त्रिकोणीय मुकाबले में उतरी आम आदमी पार्टी भी जीत का दावा कर रही है और पार्टी के चंडीगढ़ अध्यक्ष प्रेम गर्ग का कहना है कि बीजेपी को इस बार हार का डर है और इसी वजह से अमित शाह तथा जेपी नड्डा समेत योगी आदित्यनाथ जैसे सीनियर नेताओं को एक नगर निगम चुनाव को जीतने के लिए मैदान में उतारा गया है. प्रेम गर्ग ने कहा कि कांग्रेस से उन्हें कोई डर नहीं है और कांग्रेस कहीं भी रेस में नहीं है.

दूसरी ओर, बीजेपी से अलग होने के बाद अकाली दल भी बीएसपी के साथ गठबंधन करके इस चुनाव मैदान में है. हालांकि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल इस चुनाव पर ज्यादा जोर नहीं दे रहे. उन्होंने कहा कि पहले भी अकाली दल का एक ही पार्षद नगर निगम में रहा है लेकिन इस बार वो बीएसपी के साथ मिलकर सभी सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं.

चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव ही ये तय करता है कि चंडीगढ़ लोकसभा चुनाव में किस पार्टी का पलड़ा भारी रहने वाला है. इसी वजह से बीजेपी, कांग्रेस समेत आम आदमी पार्टी ने चुनाव को जीतने के लिए पूरा जोर लगा दिया है. वहीं इस बार पंजाब विधानसभा चुनाव से चंद महीने पहले हो रहे पंजाब की राजधानी और केंद्र शासित चंडीगढ़ के इन नगर निगम चुनावों को पंजाब के सेमीफाइनल के तौर पर भी देखा जा रहा है.

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