चरणजीत सिंह चन्नी राष्ट्रीय संत बाबा बालजी महाराज के आश्रम पहुंचे, लिया आशीर्वाद
चंडीगढ़ ,ऊना(विवेक गौतम कोटला,अमनदीप)
चरणजीत सिंह चन्नी राष्ट्रीय संत बाबा बालजी महाराज और गुरु नानक देव जी के वंशज किला बाबा साहिब सिंह बेदी ऊना पहुंचे।
यहां पर उन्होंने दोनों धार्मिक गुरुओं का आशीर्वाद लिया। इस मौके पर उनके साथ पंजाब विधानसभा स्पीकर राणा केपी सिंह भी मौजूद रहे। पंजाब चुनाव के बीच चन्नी का यह दौरा कई मायनों में अहम है। दरअसल चन्नी ने बाबा बाल जी से आशीर्वाद लेकर पंजाब में मौजूद उनके लाखों अनुयायियों का समर्थन पाने का प्रयास किया है। इसके अलावा ऊना के लोग भी बाबा बाल जी बहुत मानते हैं। ऊना पंजाब से बिल्कुल सटा हुआ है। यहां के लोगों का इधर-उधर आना जाना लगा रहता है। ऊना के कई लोगों की पंजाब में रिश्तेदारी है व कई लोगों के दोनों जगह घर भी हैं। ऐसे में चन्नी ने लोगों को साधने की कोशिश की है।
चन्नी ने ऊना में अपने अंदाज में चन्नी ने संबोधन को शुरू करते हुए कहा कि मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है करते हो तुम कन्हैया मेरा नाम हो रहा है। उन्होंने कहा पंजाब में चुनावी माहौल है। मैं बाबा बालजी महाराज का आशीर्वाद लेने आया हूं। सभी संतों का धन्यवादी हूं, जिन्होंने आशीर्वाद देकर नवाजा है। इसके बाद उन्होंने आचार संहिता का हवाला देते हुए कहा कि वह ज्यादा नहीं बोल सकते। उन्होंने हरे कृष्णा और राधे राधे कहकर संगत से आज्ञा ली।
राष्ट्रीय संत बाबा बालजी महाराज ने उन्हें सिरोपा देकर सम्मानित किया। इसके बाद राणा केपी ने भी संबोधन में बाबा बालजी महाराज का आशीर्वाद लिया। सीएम चन्नी के ऊना आगमन पर ऊना विधानसभा क्षेत्र के विधायक सतपाल रायजादा तथा कुटलैहड़ कांग्रेस के अध्यक्ष विवेक कुमार विक्कू ने भी उनका स्वागत किया और पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री चन्नी बाबा बालजी महाराज के आश्रम में करीब आधा घंटा रुके।
गुरु नानक देव जी के वंशजों के यहां टेका माथा
ऊना पहुंचे पंजाब मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने गुरु नानक देव जी के वंशजों किला बाबा साहिब सिंह बेदी के ऐतिहासिक स्थल पर भी शीश नवाया। यहां पर गुरु नानक देव जी के वंशज बाबा सर्वजोत सिंह बेदी एवं अमरजोत सिंह बेदी की अगुआई में उनका स्वागत किया गया। यहां पर उनके लिए अरदास पढ़ी गई। स्थानीय गुरुद्वारा में उन्होंने कुछ देर बैठकर समय बिताया और प्रसाद ग्रहण किया। इस मौके पर उन्होंने बाबा साहिब सिंह बेदी का आशीर्वाद लेकर वापस पंजाब प्रस्थान किया।