पंजाब विधानसभा चुनाव: चन्नी को सीएम चेहरा घोषित कर चुकी कांग्रेस को अब जट सिख वोट खोने का डर, शुरू कराया सर्वे

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पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री चेहरा चरणजीत सिंह चन्नी को घोषित करने के बाद अब कांग्रेस को जट सिख दूर होने का डर सताने लगा है। पार्टी ने इस फैसले का पंजाब की दूसरी ऊंची जातियों पर पड़ने वाले असर को जानने के लिए सर्वे शुरू करवाया है। वहीं, आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और शिरोमणि अकाली दल अन्य जातियों को लेकर कांग्रेस के खिलाफ चुनावी माहौल करने में जुटे हुए हैं।

2017 की तर्ज पर कांग्रेस ने 2022 में भी पंजाब चुनाव में मुख्यमंत्री चेहरे के साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया था। पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू को शामिल कर सर्वे भी कराया था। सर्वे में चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री चेहरा बनाए जाने के आए रुझान का फैसला 6 फरवरी को राहुल गांधी ने लुधियाना में हुई रैली में सार्वजनिक किया। पार्टी के वरिष्ठ नेता इस फैसले को लेकर काफी खुश हैं क्योंकि मुख्यमंत्री चन्नी दलित वर्ग से आते हैं और सूबे में 32 प्रतिशत दलित वोट को वह प्रभावित कर सकते हैं।

वहीं अब कांग्रेस को यह भी डर सता रहा है कि राहुल गांधी के इस फैसले से राज्य की दूसरी ऊंची जातियों पर खासकर जट सिख पर विपरीत प्रभाव न पड़े। यह जानने के लिए कांग्रेस नेतृत्व के द्वारा राज्य में सर्वे शुरू किया गया है। इसके लिए कार्यकर्ताओं की विशेष टीमें बनाकर राज्य भर में जट सिख और हिंदू बाहुल्य सीटों में भेजा गया है। कार्यकर्ता यह जानने का प्रयास करेंगे कि दलित मुख्यमंत्री के रूप में पार्टी के फैसले का क्या असर पड़ा है।

पार्टी के रणनीतिकार दलित कार्ड के रूप में खेले गए इस दांव के परिणामों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। उनका मानना है कि विपक्ष के नेता राज्य की उच्च जातियों को कांग्रेस के खिलाफ भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। जिसका ऊंची जाति के वोटरों पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बाद कांग्रेस में जट सिख के बड़े चेहरे के रूप में नवजोत सिंह सिद्धू को देखा जा रहा है। हालांकि पार्टी के दूसरे जट्ट सिख चेहरे और उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और दूसरे नेताओं को सिद्धू स्वीकार नहीं हैं।

चुनाव की धुरी रहा है जट सिख

पंजाब की सियासत में जट सिख वोट बैंक हमेशा ही चुनाव की धुरी बनकर रहा है। यही कारण रहा कि अभी तक राज्य में जट सिख ही मुख्यमंत्री बना है। वोट बैंक में 32 प्रतिशत हिस्सेदारी के बाद भी दलित मुख्यमंत्री की चर्चा कभी नहीं हुई। यह पहली बार होगा कि पंजाब की सियासत में गैर जाट और दलित मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के रूप में राज्य को मिला है।

2007 और 2012 में बनाई सरकार

पंजाब में जट सिख के समर्थन के कारण ही 2007 और 2012 में शिअद और भाजपा के गठबंधन को अच्छा समर्थन दिया था। इसके कारण दो बार गठबंधन की सरकार बनी थी। 2007 में इनके समर्थन का आंकड़ा 61 प्रतिशत रिकॉर्ड किया गया था। 2012 में गिरावट आई, लेकिन फिर भी अन्य दलों की अपेक्षा गठबंधन को 52 प्रतिशत समर्थन दिया था।

विपक्षी दल लगातार हमलावर

भाजपा पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ के मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर दिए गए बयान को लेकर कांग्रेस पर सीधे हमला कर रही है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने कहा है कि हिंदू होने के कारण जाखड़ को कांग्रेस में मुख्यमंत्री चेहरा नहीं बनाया है।

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