मौसंबी की खेती: एक बार लगाएं 20 साल तक कमाएं, होगा अच्छा लाभ
मौसंबी नींबू वर्गीय फसल है। यह विटामिन सी का बहुत अच्छा स्त्रोत है। मौसंबी की खेती किसानों को काफी लाभ पहुंचाती है। क्योंकि इसकी मांग सर्दियों को छोड़ कर पूरे साल बनी रहती है।
बुवाई का समय
पौधों की बुवाई खेत में फरवरी-मार्च या अगस्त से अक्टूबर तक की जाती है।
बीज की मात्रा
प्रति एकड़ 208 पौधों की जरूरत होती है।
फसल अवधि
फसल पौधा रोपण के करीब दो से तीन साल में फल देना शुरू कर देती है।
खेत की तैयारी
सबसे पहले खेत की मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई कर दें। इसके बाद खेत को समतल बना लें।बुवाई से करीब 30 दिन पहले खेतों में गड्ढा खोदकर छोड़ दें।
किन क्षेत्रों में होती है खेती
भारत में इसकी खेती राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा की जाती है।
बुवाई कैसे करें?
पहले से तैयार पौधों को रोपना उचित माना जाता है। पौधों से पौधों का फासला 5 मीटर रखें।
सिंचाई
रोपाई के बाद दो महीने तक लगातार सिंचाई की जाती है। गर्मियों में 8 से 10 दिन में सिंचाई की जाती है।सर्दियों में 15 से 20 दिन में सिंचाई की जाती है।
उपज और लाभ
पांच साल से बाद 200 से 400 फल प्रति पेड़ प्राप्त होंगे।10 साल बाद यह उपज दोगुनी हो जाएगी। बाजार में 30 से 60 रुपए किलो तक बिकती है।