प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री के मुलाकात के दौरान रक्षा, ऊर्जा, एफटीए में सहयोग सहित कई समझौते, ब्रिटिश प्रधानमंत्री जॉनसन बोले- ऐसा स्वागत पहले नहीं देखा

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नई दिल्ली 22 अप्रैल 2022 (नवीन चन्द्र पोखरियाल,विवेक गौतम)

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन दो दिवसीय भारत दौरे पर हैं। शुक्रवार (22 अप्रैल 2022) को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इस दौरान जॉनसन ने कहा कि जितना मजबूत संबंध दोनों देशों के बीच अब है उतना मजबूत संबंध पहले नहीं रहा। वह भारत में हुए जोरदार स्वागत से बेहद खुश नजर आए और कहा इस तरह के भव्य स्वागत को उन्होंने पहले कभी नहीं देखा। बोरिस जॉनसन को गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने साझा बयान में कहा कि दोनों देशों ने यूक्रेन संकट में तुरंत युद्धविराम और समस्या के समाधान के लिए डायलॉग और डिप्लोमेसी पर बल दिया है। सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सम्मान के महत्व को भी दोहराया गया है।

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “भारत और ब्रिटेन के बीच जलवायु और ऊर्जा साझेदारी को और अधिक प्रगाढ़ करने का निर्णय लिया गया है। हम ब्रिटेन को भारत के राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं।”  

पत्रकारों से वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले साल दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी हुई थी। इसके साथ ही रोडमैप-2030 को भी लॉन्च किया था। मुक्त व्यापार (एफटीए) को लेकर उन्होंने कहा कि इस विषय में दोनों देशों की टीम काम कर रही है और बातचीत में लगातार प्रगति हो रही है। इस साल के अंत तक एफटीए पर निर्णय ले लिया जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में भले ही जॉनसन की पहली यात्रा है, लेकिन पुराने मित्र के रूप में वे भारत को अच्छे से समझते हैं। जब भारत अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, ऐसे में पीएम जॉनसन का आना ऐतिहासिक पल है।  

ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और पीएम मोदी के बीच हैदराबाद हाउस में मुलाकात हुई। दोनों नेताओं के बीच मुलाकात में दोनों देशों के बीच व्यापार और रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग प्रमुख मुद्दा रहा।

इसके अलावा दोनों नेता यूके व भारत की रणनीतिक रक्षा, राजनयिक और आर्थिक साझेदारी पर चर्चा की। दोनों प्रधानमंत्री रोडमैप 2030 के कार्यान्वयन की भी समीक्षा की और द्विपक्षीय संबंधों के पूर्ण स्पेक्ट्रम में सहयोग को और गहन करने के लिए अपना दृष्टिकोण निर्धारित करेंगे।

मोदी और जॉनसन के बीच वार्ता से दोनों देशों के बीच व्यापार को और प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है। बता दें कि जॉनसन की भारत यात्रा ऐसे समय में हुई है जब ब्रिटिश प्रधानमंत्री को घरेलू समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर से ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच विदेश नीति, रूस-यूक्रेन युद्ध समेत दुनिया की समसामयिक घटनाओं पर चर्चा हुई।

पीएम मोदी से मीटिंग से पहले बोरिस जॉनसन ने अपने एजेंडे के बारे में बताया था। बोरिस जॉनसन ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से लेकर ऊर्जा सुरक्षा से लेकर रक्षा तक हमारे लोकतंत्रों की साझेदारी महत्वपूर्ण है, क्योंकि दुनिया निरंकुश राज्यों से बढ़ते खतरों का सामना कर रही है। उन्होंने गुरुवार (21 अप्रैल 2022) को कहा था कि भारत के साथ सिर्फ इंग्लैंड का रिश्ता व्यापार से नहीं जुड़ा है। दोनों के बीच आत्मिक संबंध रहा है।  

ब्रिटिश प्रधानमंत्री जॉनसन ने कहा था, “हम हमेशा कठिन मुद्दों को उठाते हैं। भारत 1.35 अरब लोगों का देश है और यह लोकतांत्रिक है, यह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। भारत ने समय समय पर अपनी प्रासंगिकता को साबित किया है। दोनों देश मिलकर आगे बढ़ सकते हैं। इंग्लैंड और भारत दोनों अपनी दक्षता को मिलकर जमीन पर उतार सकते हैं।”

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