सर्च ऑपरेशन के दौरान आजमगढ़ का लाल विवेक हुआ मातृभूमि के लिए शहीद

आजमगढ़, उत्तर प्रदेश 11 जनवरी 2022 (नवीन चन्द्र पोखरियाल)
पश्चिम बंगाल में मालदा के पास भारत-बांग्लादेश बार्डर पर हुई पशु तस्करों से मुठभेड़ के दौरान जिले के बिलरियागंज थाना क्षेत्र के शेरपुर गांव निवासी बीएसएफ का एक जवान भी शहीद हो गया।
सोमवार की भोर में करीब 5 बजे शहादत की सूचना मिलने पर घर में कोहराम मच गया। घटना की जानकारी होने पर पीड़ित के घर नाते रिश्तेदारों के अलावा अन्य लोग पहुंचकर पीड़ित परिवार को सांत्वना दी। परिवार के लोग बेटे का शव आने का इंतजार कर रहे हैं।
बिलरियागंज थाना क्षेत्र के शेरपुर गांव निवासी हरिनारायण तिवारी घर पर रहकर खेतीबारी करते हैं। उनके दोनों बड़ी बेटियों की शादी हो चुकी है। वह अपने घर पर हैं। जबकि बेटों में बड़ा विवेक तिवारी सीमा सुरक्षा बल के जवान थे। छोटा बेटा अभी पढ़ाई कर रहा। विवेक तिवारी साल 2017 में सेना में भर्ती हुए थे। विवेक की शादी हो गई थी वह वह एक बच्ची का पिता भी था। उसकी बेटी आभा दो साल की है। विवेक की पत्नी मनीषा तिवारी बेटी के साथ घर पर रहती हैं। विवेक की तैनाती वर्तमान समय में पश्चिम बंगाल के बार्डर पर थी। घर वालों के मुताबिक सोमवार की सुबह पांच बजे विवेक के कंपनी कमांडर का फोन आया। उन्होंने बताया कि आपका विवेक अब इस दुनिया में नहीं रहा। वह शहीद हो गया है। यह घटना रविवार की रात करीब बारह बजे भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय सीमा के दो सौ मीटर दूर मालदा जिले में सर्च आपरेशन के दौरान हुई। वहां तस्करों से मुठभेड़ के बाद विवेक बेहोशी की हालत में मिला, बाद में कंपनी के सदस्यों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। विवेक तिवारी के शहीद होने की सूचना से परिवार में कोहराम मच गया। घटना की जानकारी होने पर दरवाजे पर सांत्वना देने वालों का तांता लग गया। दरवाजे पर नाते-रिश्तेदारों के अलावा तमाम राजनीतिक दलों के लोग भी पहुंचकर परिवार को सांत्वना दिए। परिवार के लोगों ने बताया कि हम लोग पश्चिम बंगाल जाने को तैयार हुए, लेकिन विवेक के साथियों नेबताया कि शव लेकर आ रहे हैं। मंगलवार की सुबह तक घर पर पहुंचने की उम्मीद है।
अब किसके सहारे कटेगी जीवन की नैया
बिलरियागंज थाना क्षेत्र के शेरपुर गांव निवासी विवेक तिवारी के शहीद होने की सूचना पर कोहराम मच गया। उसकी पत्नी मनीषा तिवारी ने बिलखते हुए कहा कि अब किसके सहारे अपनी पहाड़ से जीवन की नैया पार लगेगी। वह कभी अपनी गोद में बेटी आभा की तरफ देखती, तो कभी पति की याद में बेहोश हो जा रही थी। यही हाल विवेक की मां, पिता समेत परिवार के अन्य सदस्यों का भी रहा।
हंसमुख स्वभाव के थे विवेक
सीमा सुरक्षा बल के जवान विवेक तिवारी के शहीद होने के बाद सोमवार को उसके दरवाजे पर संवेदना प्रकट करने पहुंचे विवेक के दोस्तों ने उसके साथ बिताए हुए पल का जिक्र करके रोने लगे। दोस्तों के मुताबिक विवेक हंसमुख स्वभाव का धनी था। उसके साथ जो भी कुछ देर रह लेता, वह उसका परम मित्र बन जाता। यही कारण है कि वह बहुत ही कम समय में अपने कंपनी में मौजूद लोगों का प्रिय हो गया था, लेकिन होनी को कौन टाल सकता है।