हिमाचल में T-20 मोड में होंगे चुनाव, जानिए उम्मीदवारों के लिए क्या होगी चुनौती

चंडीगढ़ (आज़ाद वार्ता)

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया, इस बार चुनाव आयोग ने इलेक्शन T-20 मोड में कराने का ऐलान किया है, खास बात ये है कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस में उन कयासों को भी खारिज कर दिया, जिनमें गुजरात और हिमाचल में साथ चुनाव कराने की बात कही जा रही थी, हिमाचल की सभी 68 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान होगा और 8 दिसंबर तक प्रदेश की नई सरकार का ऐलान भी हो जाएगा.

9 नवंबर को होगा मतदान

चुनाव आयोग ने पिछली बार हिमाचल में हुए विधानसभा चुनावों से इस बार की तारीखों में परिवर्तन किया है, हालांकि चरण एक ही रखा गया है, 2017 के चुनाव में हिमाचल में 12 नवंबर को वोट डाले गए थे, इस बार मतदान की तारीख तीन दिन पहले यानी की 9 नवंबर रखी गई, इसी तरह मतदाताओं के फैसले की तारीख पिछली बार 18 दिसंबर थी जो इस बार 10 दिन कम करके 8 दिसंबर कर दी गई है.

चुनाव प्रचार के लिए मिलेगा कम समय

चुनाव आयोग ने पूरी चुनाव प्रक्रिया को T-20 मोड में निपटाने का ऐलान किया है. ऐसे में उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार में भी तेजी दिखानी होगी. मुख्य चुनाव आयुक्त के मुताबिक उम्मीदवार 25 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल कर सकेंगे, दो दिन बाद 27 अक्टूबर को स्क्रूटनी होगी और 29 अक्टूबर तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे. ऐसे में वोटरों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए उम्मीदवारों के पास समय कम होगा. खासकर दुर्गम इलाकों में रहने वाले मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचाना उम्मीदवारों के लिए बड़ी चुनौती होगी.

तीन दिन बाद लगेगी आचार संहिता

हिमाचल विधानसभा चुनाव के लिए नोटिफिकेशन 17 अक्टूबर को जारी होगा, इसी दिन से आचार संहिता लग जाएगी यानी की अब ऐसे काम नहीं हो सकेंगे जो लोक लुभावन हों, या जिन कामों में सरकारी मशीनरी लिप्त हो, नतीजों के जारी होने यानी की 8 दिसंबर तक प्रदेश में आचार संहिता कायम रहेगी.

पिछली बार यह रहा था समीकरण

हिमाचल में पिछली बार भाजपा ने 44 सीटों पर जीत पाई थी और कांग्रेस को 21 सीटों पर संतोष करना पड़ा था. दो सीटें निर्दलीय प्रत्याशी जीते थे और एक सीट पर सीपीआई एम को जीत मिली थी. हालांकि राज्य में उपचुनाव में बीजेपी की हार के बाद कांग्रेस के 22 सीटें हैं और भाजपा के पास 43.

भाजपा के लिए प्रतिष्ठा, कांग्रेस के लिए ऑक्सीजन

हिमाचल विधानसभा चुनाव सभी दलों के महत्वपूर्ण हैं, मिशन रिपीट की आस लिए भाजपा ने इसे प्रतिष्ठा का सवाल बना रखा है, वहीं कांग्रेस के लिए किसी ऑक्सीजन से कम नहीं हैं, देश भर में रसातल में जा रही कांग्रेस हिमाचल चुनाव से आस लगाए हैं, ताकि उसे थोड़ा बल मिल सके. उधर पंजाब में जीत से उत्साहित आम आदमी पार्टी भी पूरी तरह से मुकाबले में जीत के लिए कोशिश में लगी है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आप के लिए यह चुनाव पार्टी का भविष्य तय करने वाला साबित हो सकता है.

ज्यादा से ज्यादा मतदान कराने की तैयारी

विधानसभा चुनावों में ज्यादा से ज्यादा मतदान हो, इसके लिए चुनाव आयोग ने बड़ी तैयारी की है, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के मुताबिक मतदान केंद्रों पर वोटरों के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी, हर मतदान केंद्र पर दिव्यांगों के लिए रैंप बनाए जाएंगे, सबसे खास बात ये है कि मतदान के दिन से एक दिन पहले तो लोग अपना नाम मतदाता सूची में एड करा सकेंगे. मुख्य चुनाव आयुक्त ने ज्यादा से ज्यादा लोगों से पोलिंग बूथों पर आकर मतदान करने की अपील भी की.

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