हरियाणा, पंजाब में किसानों को दिखी उम्मीद, केंद्र से गुहार- लंबित मांगों पर करें गौर

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संयुक्त किसान मोर्चा ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बयान को संज्ञान में लिया और उन्होंने विरोध कर रहे किसानों से आंदोलन समाप्त कर वापस जाने की अपील की है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने उन्हें याद दिलाया कि कई मुद्दे अभी भी लंबित हैं और उन्हें 21 नवम्बर को एसकेएम द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में स्पष्ट रूप से कहा है।
किसानों ने कहा कि सरकार को इन लंबित मुद्दों पर पांच सदस्यीय समिति के साथ चर्चा करनी चाहिए जो इस उद्देश्य के लिए कल एसकेएम की बैठक में गठित की गई है। संयुक्त किसान मोर्चा ने उम्मीद जताई है कि 7 दिसम्बर से पहले केंद्र सरकार बातचीत कर बाकी सभी मुद्दों का सामाधान करेगी। संयुक्त किसान मोर्चा 21 नवम्बर को प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र के आधार पर सरकार से लंबित मुद्दों पर बातचीत करने के लिए तैयार है और बातचीत के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन भी कर दिया गया है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने उम्मीद जाहिर की है कि 7 दिसम्बर के पहले केंद्र सरकार बातचीत कर सभी बचे हुए मुद्दों पर चर्चा करेगी। इस बीच फर्जी पुलिस केस वापस लेने और शहीदों को मुआवजा देने के संबंध में हरियाणा एसकेएम की हरियाणा सरकार के साथ पहले दौर की बातचीत 3 दिसम्बर को हुई है और इस मामले में कुछ प्रगति हुई है। पंजाब सरकार ने भी इस दिशा में ठोस आश्वासन दिए है। उत्तर प्रदेश और दिल्ली के साथसाथ अन्य राज्यों में दर्ज मुकदमों की वापसी को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा सरकारों के निर्णय की प्रतीक्षा कर रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा का मानना है कि 708 शहीद किसानों को मुआवजे की जिम्मेदारी के लिए केंद्र सरकार को आगे आना चाहिए।

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