पिता ने थामा सपा का दामन तो बीजेपी ने बेटी को उतारा चुनावी मैदान में, बिधूना सीट पर दिलचस्प हुआ मुकाबला

0

UP Vidhan Sabha Chunav 2022: रिया शाक्य को बिधूना सीट से मिला टिकट

UP Vidhan Sabha Chunav 2022: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए भारतीय जनता पार्टी ने एक और लिस्ट शुक्रवार को जारी कर दी

.

इस लिस्ट में औरैया की बिधूना सीट से रिया शाक्य को टिकट दिया गया है. रिया शाक्य बीजेपी विधायक विनय शाक्य की बेटी हैं. विनय शाक्य हाल ही में बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल हुए हैं. अब इस सीट पर पिता-पुत्री आमने-सामने होंगी, जिससे इस सीट पर मुकाबला बेहद रोचक हो गया है.

रिया शाक्य को राजनीति का नहीं है कोई अनुभव

बता दें, रिया शाक्य को राजनीति का अनुभव नहीं है. वह पहली बार चुनाव लड़ेंगी. अब तक जितने प्रत्याशियों की घोषणा हुई है, उसमें रिया शाक्य सबसे कम उम्र की प्रत्याशी हैं. रिया इस समय 25 साल की हैं. उन्होंने देहरादून के बोर्डिंग स्कूल से पढ़ाई की है. इसके अलावा उन्होंने पुणे की सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी से बैचलर और डिजाइन की पढ़ाई की है.

वीडियो वायरल होने के बाद रिया शाक्य आईं चर्चा में

रिया शाक्य उस समय चर्चा में आईं, जब उनका एक वीडियो वायरल हुआ था. इस वीडियो में उन्होंने अपने पिता विनय शाक्य के सपा में शामिल होने को लेकर कहा था कि उनका परिवार बीजेपी में है और रहेगा. उन्होंने यह भी कहा था कि उनके पिता लकवा ग्रस्त हैं. चाचा पिता और दादी को लेकर लखनऊ चले गए हैं. वहीं, पुलिस ने इन आरोपों को निराधार बताया था और कहा था कि विनय शाक्य अपने इटावा के घर पर ही हैं. सारे आरोप गलत हैं. हालांकि इसके बाद विनय शाक्य सपा में शामिल हो गए थे.

पिता की इच्छा थी कि राजनीति में आऊं

रिया का कहना है कि पिता विनय शाक्य की इच्छा थी कि मैं राजनीति में आऊं. उन्हें 2018 में ब्रेन स्ट्रोक हुआ था, जिसके बाद से उनकी तबीयत खराब रहती है. अगर वह ठीक से सोच समझ पाते तो बीजेपी नहीं छोड़ते. विनय शाक्य को अगर सपा टिकट देती है तो पिता-पुत्री के बीच रोचक मुकाबला होने की उम्मीद है. वहीं, अगर उनके चाचा देवेश शाक्य को टिकट मिलता है तो यह मुकाबला चाचा बनाम भतीजी का हो जाएगा.

विनय शाक्य ने कांग्रेस से शुरू की राजनीतिक पारी

औरैया की बिधूना विधानसभा सीट कन्नौज संसदीय सीट के अंतर्गत आती है. एक समय विनय शाक्य बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती के बेहद खास और भरोसेमंद माने जाते थे. विनय शाक्य पहली बार तब चर्चा में आए, जब 2002 में बिधूना से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धनीराम वर्मा को हराया था. वहीं, 2007 में जब विनय शाक्य विधानसभा चुनाव हारे तो मायावती ने उन्हें एमएलसी बना दिया.

मुलायम सिंह यादव के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं विनय शाक्य

बसपा ने विनय शाक्‍य को मैनपुरी लोकसभा सीट से सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के खिलाफ भी चुनावी मैदान में उतारा था. हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद 2007 और 2012 में बिधूना सीट पर सपा का कब्‍जा रहा. हालांकि, 2017 की मोदी लहर में विनय शाक्य ने सपा के दिनेश कुमार वर्मा को हराकर इस सीट पर कमल खिलाया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ये भी पढ़ें