पहली बार किसी इंजीनियर के हाथों में होगी भारतीय सेना की कमान, लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे के बारे में जानें सब कुछ

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लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे देश के नए के नए आर्मी चीफ (Chief Of Army Staff) होंगे.

जनरल नरवणे (General MM Naravane) 30 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं, मनोज पांडे इनकी जगह लेंगे. लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे (Lt. Gen. Manoj Pandey) वर्तमान में भारतीय सेना के वाइस चीफ हैं. सेना में इनका 39 साल का कॅरियर रहा है. वह अब तक कई अहम ऑपरेशन को अंजाम दे चुके हैं. जम्मू-कश्मीर में एलओसी पर इंफेन्ट्री ब्रिगेड, पश्चिम लद्दाख में माउंटेन डिवीजन के साथ अंडमान निकोबार कमांड के कमांडर इन चीफ भी रह चुके हैं.

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, लेफ्टिनेंट जनरल पहले ऐसे आर्मी चीफ हैं जो इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से हैं.लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने नेशनल डिफेंस एकेडमी से ग्रेजुएशन किया. उन्होंने हायर कमांड और नेशनल डिफेंस कॉलेज से भी पढ़ाई की है. पिछले तीन महीने में सेना के कई अधिकारी रिटायर हुए हैं. मौजूदा हालात में जनरल एमएम नरवणे के बाद लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं.

संसद हमले के बाद शुरू हुए ऑपरेशन पराक्रम में संभाली कमान

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे को दिसंबर 1982 में कोर ऑफ इंजीनियर्स में कमीशन दिया गया था.जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन पराक्रम के दौरान इंजीनियर रेजीमेंट की कमान संभाली. ऑपरेशन पराक्रम की शुरुआत दिसंबर 2001 में संसद पर हुए आतंकवादी हमले के बाद हुई थी. इसके तहत पाकिस्तान से लगने वाली पश्चिमी सीमा पर सैनिकों और हथियारों की बड़े पैमाने पर लामबंदी की गई थी. संसद पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान युद्ध की कगार पर आकर खड़े हो गए थे.

ANI ने किया ट्वीट

विशिष्ट सेवा समेत कई मेडल से हुए सम्मानित

4 दशक लम्बे अपने कॅरियर में लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे पूर्वी कमान का कार्यभार संभाल चुके हैं. पूर्वी कमान चीन, म्यांमार और बांग्लादेश के साथ सीमा साझा करने वाले सभी पूर्वोत्तर राज्यों की देखभाल करता है.उन्होंने इथियोपिया और इरिट्रिया में संयुक्त राष्ट्र मिशन के मुख्य अभियंता के रूप में भी कार्य किया है। जून 2020 से मई 2021 तक कमांडर-इन-चीफ अंडमान और निकोबार कमांड (CINCAN) रहे हैं।

लेफ्टिनेंट जनरल ने अपने सैन्य कॅरियर में देश के कई हिस्सोंं में काम किया है और आतंकवाद को रोकने में अहम भूमिका निभाई. उनहें परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन और GOC-in-C कमेंडेशन से दो बार सम्मानित किया जा चुका है.

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