पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह बीजेपी में शामिल, पार्टी का भी विलय

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चंडीगढ़ (आज़ाद वार्ता)

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम लिया. इसी के साथ कैप्टन अमरिंदर ने अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस (PLC) का भी भारतीय जनता पार्टी में विलय कर दिया है.

आज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और किरेन रिजिजू ने उनको बीजेपी की सदस्यता दिलाई. अमरिंदर के साथ-साथ उनके कई सहयोगी भी बीजेपी में शामिल हुए.

बीजेपी में शामिल होने के बाद अमरिंदर सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने समर्थकों से चर्चा की थी. इसमें तय हुआ कि पंजाब का कोई भविष्य देखना है तो बीजेपी के साथ विलय करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारी और बीजेपी की विचारधारा एक ही है.

अमरिंदर ने आगे कहा कि पंजाब में मैने 52 साल से राजनीति की है. बार्डर स्टेट होने की वजह से यह काफी सेंसिटिव राज्य है. पिछले चार से पांच साल में ड्रोन काफी आए हैं. पहले चार किलोमीटर तक अब तो चालीस किलोमीटर तक ड्रोन आ रहे हैं, जिससे असलाहा, ड्रग्स आ रहे हैं.

पूर्व सीएम ने आगे कहा कि हम दो देशों से (चीन और पाकिस्तान) से घिरे हैं. यह कांग्रेस पार्टी की गलती है. कांग्रेस सरकार में रक्षा मंत्री रहे एके एंटनी पर सवाल खड़े करते हुए अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने आर्मी के वेपन मॉर्डनाइजेशन के लिए कुछ भी नहीं किया.

विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस से अलग हुए थे अमरिंदर

कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 से पहले ही कांग्रेस से अलग हुए थे. इसके बाद उन्होंने 2022 के चुनाव के लिए PLC पार्टी बनाई और फिर बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़े. हालांकि, आम आदमी पार्टी की आंधी में बीजेपी और अमरिंदर सिंह दोनों को ही खाली हाथ रहना पड़ा था.

बीजेपी को थी मजबूत सिख चेहरे की तलाश

पंजाब में अकाली दल से अलग होने के बाद बीजेपी लंबे समय से पंजाब में एक मजबूत सिख चेहरे की तलाश कर रही है, जो पंजाब में पार्टी को सियासी संजीवनी दे सके और हिंदू समुदाय के बीच भी स्वीकार्य हो. ऐसे कैप्टन अमरिंदर सिंह बीजेपी के दोनों ही फॉर्मूले में पूरी तरह से फिट बैठते हैं, क्योंकि वो पंजाब की सियासत में मंझे हुए नेता हैं. प्रदेश के सिख और हिंदू दोनों ही समुदाय की बीच वह मजबूत पकड़ रखते हैं.

पंजाब की सियासत में कैप्टन अमरिंदर सिंह का नाम काफी बड़ा है, जो पंजाब से बाहर देश के दूसरे राज्यों में भी जाना और पहचाना है. बीजेपी कैप्टन के जरिए पंजाब को एक बड़ा सियासी संदेश देने और उनके सियासी अनुभव को 2024 के चुनाव में भुनाने की कवायद कर रही है.

कैप्टन के बीजेपी में शामिल होने की टाइमिंग ऐसी है, जब लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी एकता का तानाबाना बुना जा रहा है. ऐसे में बीजेपी पंजाब के कैप्टन के जरिए सियासी संजीवनी तलाश रही है.

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