पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का निधन, मध्य प्रदेश में गृहग्राम में शनिवार को होगा अंतिम संस्कार

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चंडीगढ (आज़ाद वार्ता)

जनता दल यूनाइटेड के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का गुरुवार रात गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में निधन हो गया।
वह 75 वर्ष के थे और काफी समय से अस्वस्थ चल रहे थे। गुरुवार रात सांस लेने में तकलीफ होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कुछ घंटे बाद उनका निधन हो गया। उनकी इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार मध्य प्रदेश में उनके पैतृक गांव में ही हो। उनका पार्थिक शरीर दिल्ली के छतरपुर स्थित उनके निवास स्थान पर लाया गया है, जहां लाेग उनका अंतिम दर्शन कर सकेंगे। अंतिम संस्कार शनिवार को होगा।

राजनीति के दिग्गज खिलाड़ी रहे शरद यादव का जन्म एक जुलाई 1947 को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के गांव अखमाऊ में हुआ था। उन्होंने मध्य प्रदेश के साथ ही बिहार और उत्तर प्रदेश से चुनावी राजनीति की। उनकी राजनीति का मुख्य केंद्र बिहार रहा। वह बिहार के मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र से चार बार, मध्य प्रदेश के जबलपुर से दो बार और उत्तर प्रदेश के बदायूं से एक बार लोकसभा के लिए चुने गए थे। वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के संयोजक रहे।

हरियाणा के नेताओं से रहा विशेष जुड़ाव…

पूर्व उपप्रधानमंत्री स्व. चौधरी देवीलाल से उनकी विशेष नजदीकी थी। पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला सहित कई नेताओं के साथ उनके नजदीकी संबंध रहे। उनकी बेटी सुभाषिनी यादव की शादी हरियाणा के वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह के छोटे भाई राव कमलबीर सिंह के बेटे राव राजकमल से हुई है। राव कमलबीर सिंह और राव राजकमल कांग्रेस पार्टी में सक्रिय हैं।

कई बार चुने गये सांसद

शरद यादव राजनीतिक पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। उन्होंने बिहार के मधेपुरा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से चार बार लोक सभा का प्रतिनिधित्व किया ये दो बार मध्य प्रदेश के जबलपुर से सांसद चुने गए थे और एक बार उत्तर प्रदेश के बदायूं से लोकसभा के लिए चुने गए थे। शरद यादव संभवतः पहले ऐसे राजनेता थे जो तीन राज्यों से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार लोकसभा के लिए चुने गए। शरद यादव 1974 और 1977 में जबलपुर से लोकसभा सदस्य चुने गए थे।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, समाजवादी विचारधारा के पुरोधा और हमारे समय के सबसे सुलझे नेताओं में से एक शरद यादव जी का जाना अत्यंत दुखद ख़बर है। वे मेरे राजनीतिक अभिभावक थे। मैंने सामाजिक न्याय का पाठ उनसे ही सीखा। ईश्वर उनके परिजनों को दुख की यह घड़ी सहने की शक्ति प्रदान करें।

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