भारतीय वायु सेना की स्वर्णिम सफलता-भारतीय वायु सेना के चिनूक हेलिकॉप्टर ने कर दिखाया असंभव-सा काम, बिना रुके 7 घण्टे 30 मिनट में तय किया 1910 किमी का सफर

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नई दिल्ली 12 अप्रैल 2022 (नवीन चन्द्र पोखरियाल)

भारतीय वायु सेना के चिनूक हेवी-लिफ्ट ट्रांसपोर्ट हेलिकॉप्टर ने एक बड़ा कारनामा कर दिखाया है‌। इस खास हेलिकॉप्टर ने बिना रुके चंडीगढ़ से असम के जोरहाट के बीच 1,910 किलोमीटर की दूरी को सफलतापूर्वक पूरा किया है।

नई दिल्ली में रक्षा मंत्रालय के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया है कि यह भारत में सबसे लंबी नॉन-स्टॉप हेलीकॉप्टर यात्रा है। इसमें बताया गया है कि चिनूक हेलिकॉप्टर ने 1910 किलोमीटर का सफर तय करने के लिए सात घंटे 30 मिनट लिए हैं। रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि यह ऑपरेशन चिनूक की क्षमताओं ओर भारतीय वायु सेना द्वारा परिचालन योजना की वजह से ही संभव हो पाया।

मंत्रालय ने बताया कि इसकी गतिशीलता भारतीय वायु सेना को इसको आवश्यकतानुसार बेहतर तरीके से नियोजित करने की अनुमति देगी। आपको बता दें कि हेलिकॉप्टर के भारतीय वायुसेना संस्करण में हवा में ईंधन भरने की क्षमता नहीं है। अधिकारियों ने कहा कि चिनूक भारतीय सशस्त्र बलों को युद्ध और मानवीय अभियानों के पूरे स्पेक्ट्रम में रणनीतिक एयरलिफ्ट क्षमता प्रदान करता है।

आपदा राहत कार्यों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है चिनूक

रक्षा मंत्रालय की तरफ से यह भी कहा गया है कि हेलिकॉप्टर ने चंडीगढ़ से असम के जोरहाट के बीच दूरी तय करने के लिए अतिरिक्त ईंधन टैंक का इस्तेमाल किया। इस विमान के जानकार बताते हैं कि हेलिकॉप्टर की प्राथमिक भूमिकाओं में युद्ध के मैदान में फिर से आपूर्ति और सैनिकों का परिवहन शामिल है। मंत्रालय ने कहा, ‘चिनूक एक खास हेलिकॉप्टर है, जिसका उपयोग पुरुषों और सामग्री के परिवहन के लिए किया जाता है। यह मानवीय और आपदा राहत कार्यों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।’

अभी भारत के पास हैं 15 चिनूक हेलिकॉप्टर

आपको बता दें कि भारत के पास 15 Ch-47F चिनूक परिवहन हेलिकॉप्टर हैं। सितम्बर 2015 में भारत ने वायु सेना की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए 15 चिनूक और 22 अपाचे अटैक हेलीकॉप्टरों के लिए 3.1 बिलियन डॉलर का ऑर्डर दिया था। आपको यह भी बता दें कि पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध के बीच चिनूक भारतीय सेना को अग्रिम पंक्ति में बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। चंडीगढ़ में वायु सेना स्टेशन के आधार पर यह हेलिकॉप्टर लगभग 11 टन माल या 45 पूरी तरह से सशस्त्र सैनिकों को उठाने में सक्षम हैं।

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