अच्छी खबर-470+ भारतीय छात्रों को यूक्रेन से निकाला गया, 23 नंबरों के साथ नई एडवाइजरी

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वतन-वापसी के प्लान में प्लेन और बस भी, विदेश राज्यमंत्री ने कहा, “छात्र और उनके परिजन न करें चिंता”

नई दिल्ली 26 फरवरी 2022 (नवीन चन्द्र पोखरियाल)

रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत ने यूक्रेन से 25 फरवरी (शुक्रवार) तक 470 छात्रों को वापस लाने में सफलता पाई है। इन सभी को युद्ध क्षेत्र से बचा कर रोमानिया सीमा से लाया गया है। भारत सरकार की लगातार यूक्रेन छोड़ देने की एडवाइजरी के बाद अभी तक लगभग 18000 छात्र यूक्रेन में मौजूद हैं। इन सभी को बसों से सीमाओं तक छोड़ा गया था। इस बात की जानकारी कीव में भारतीय दूतावास ने दी है।

दूतावास द्वारा शुक्रवार को किए गए ट्वीट में कहा गया, “आज दोपहर 470 से अधिक छात्र यूक्रेन छोड़ देंगे। हम भारतीयों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों की सीमाओं की तरफ ले जा रहे हैं। हमारे प्रयास जारी हैं।” मिली जानकारी के मुताबिक भारत का कीव दूतावास रोमानिया, पोलैंड और हंगरी के भारतीय दूतावास के सम्पर्क में है। विदेश विभाग के प्रवक्ता द्वारा शेयर किए गए वीडियो में रोमानिया पहुँचे भारतीयों के पहले जत्थे को दिखाया गया है।

एयर इंडिया रोमानिया और हंगरी के लिए जारी रखेगा उड़ान

जानकारी इस बात की भी आ रही है कि भारत का विदेश मंत्रालय भारतीयों को निकालने के लिए पोलैंड से भी बात कर रहा है। इस बीच एयर इंडिया की फ्लाइट दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट से रोमानिया और हंगरी के लिए आज शनिवार को उड़ान भरेंगी। ये उड़ानें सीमाओं पर पहुँच रहे भारतीयों को लाने के लिए हैं।

इससे पहले एयर इंडिया इसी सप्ताह 242 छात्रों को यूक्रेन से भारत लाने में सफल रही थी। गुरुवार (24 फरवरी) को एयर इंडिया की एक फ्लाइट कीव से रूसी गोलाबारी के बीच वापस आ गई थी। भारत के नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयरलाइंस कंपनियों को पत्र लिख कर यूक्रेन की सीमाओं से लगे देशों के लिए उड़ानें जारी रखने का निर्देश दिया है।

यूक्रेन में भारतीय दूतावास की भारतीयों के लिए नई एडवाइजरी

शनिवार (26 फरवरी 2022) को यूक्रेन में भारत के दूतावास ने वहाँ मौजूद भारतीयों के लिए नई एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया, “यूक्रेन में मौजूद सभी भारतीयों को बताना है कि बिना भारत सरकार के सलाह के सीमाओं की तरफ न जाएँ। जानकारी के लिए सरकार ने एमरजेंसी और हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं।”

इस एडवाइजरी में आगे लिखा है, “सीमाओं पर हालत संवेदनशील हैं। हम अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए पड़ोसी देशों से लगातार सम्पर्क में हैं। हम बिना जानकारी दिए ही सीमाओं की चेकपोस्ट पर पहुँच रहे भारतीयों की सहायता करने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं। पश्चिमी यूक्रेन में रहना सीमाओं की तरफ भागने से कहीं ज्यादा सुरक्षित है। पूर्वी क्षेत्रों में रहने वालों से आग्रह है कि वो अगला आदेश आने तक अपने वर्तमान स्थान पर बने रहें। वो शांति बनाए रखें और अधिक से अधिक कोशिश आश्रयस्थलों में रहने की करें। अनावश्यक भाग-दौड़ से बचें।” विदेश विभाग के प्रवक्ता ने यूक्रेन में फँसे भारतीयों की सहायता के लिए तमाम जरूरी नंबर और ई-मेल आदि की जानकारी शेयर किया है।

विदेश राज्यमंत्री ने कहा, “छात्र और उनके परिजन न करें चिंता”

केंद्रीय विदेश राजयमंत्री वी. मुरलीधरन ने कहा, “विदेश मंत्रालय यूक्रेन में मौजूद सभी 18000 भारतीयों को वापस लाने के लिए सभी कदम उठा रहा है। यूक्रेन का हवाई क्षेत्र बंद है। इसलिए वैकल्पिक रास्तों पर विचार चल रहा है। भारत सरकार सभी भारतीयों की सुरक्षा को ले कर चिंतित है। मैंने दक्षिणी यूक्रेन में मौजूद एक मलयाली छात्र से बात की। उसने बताया कि वहाँ बिजली, पानी और खाना मिल रहा है। छात्रों और उनके अभिभावकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। हमने भारतीयों को ईराक जैसे देशों से सुरक्षित निकाला है।”

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