हरियाणा के किसानों के लिए खुशखबरी! 8 नवंबर से शुरू होगी बागवानी फसलों के लिए ट्रेनिंग
चंडीगढ़ (आज़ाद वार्ता)
धान और गेहूं की फसल किसानों (Farmers) के लिए अब घाटे का सौदा साबित होने लगी है. जितनी मेहनत और लागत इसमें लगती है उतना रिटर्न नहीं निकलता. ज्यादातर किसान इसकी उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से भी कम दाम पर बेचने के लिए मजबूर हैं.
ऐसे में सरकार अब उन्हें फसल विविधीकरण (crop diversification) खासतौर पर बागवानी के लिए प्रोत्साहित कर रही है. लेकिन गेहूं, धान छोड़कर जो किसान अचानक बागवानी फसलें उगाएगा, वो इसमें कितना सफल होगा. ऐसे में हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए बागवानी प्रशिक्षण आयोजित करने का निर्णय लिया है.
हरियाणा उद्यान विभाग द्वारा आगामी 8 नवंबर से 3 दिसंबर 2021 तक चार प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. जिनमें प्रत्येक बैच में 40 किसानों को उद्यान प्रशिक्षण संस्थान, उचानी (करनाल) में प्रशिक्षित किया जाएगा. राज्य सरकार के एक अधिकारी के मुताबिक 28 अक्तूबर से ही उद्यान विभाग की वेबसाइट (kaushal.hortharyana.gov.in) के जरिए ऑनलाइन आवेदन किए जा रहे हैं. अगर आप हरियाणा (Haryana) के किसान हैं तो इसमें रजिस्ट्रेशन करवाकर ट्रेनिंग का फायदा उठा सकते हैं. इससे अपना काम निखारने में मदद मिलेगी.
कब किसकी ट्रेनिंग
बागवानी विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि प्रशिक्षण के लिए प्रार्थी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष व अधिकतम 60 वर्ष होनी चाहिए. 8 नवंबर से 12 नवंबर तक सब्जियों की खेती पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. इसके अलावा, 15 नवंबर से 19 नवंबर तक प्रसंस्करण परीक्षण एवं मूल्यवर्धन पर ट्रेनिंग होगी.
इसी तरह 22 नवंबर से 26 नवंबर तक बागवानी फसलों (Horticultural crops) में तुड़ाई उपरांत प्रबंधन व प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी पर तथा 29 नवंबर से 3 दिसंबर तक मधुमक्खी पालन के माध्यम मंकरदीय समर्थन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान राज्य सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई कोविड-19 के सभी नियमों का पालन किया जाएगा.
बागवानी फसलों पर फोकस
इस समय हरियाणा सरकार बागवानी फसलों की खेती के लिए कई तरह की छूट दे रही है. आंवला की खेती के लिए यहां का किसान अधिकतम 1,50,000 रुपये तक की सरकारी मदद ले सकता है. ज्यादातर फलों की खेती (Fruit Farming) पर यहां लागत का 50 फीसदी अनुदान मिल रहा है. चीकू की खेती के लिए 90,800 रुपये तक की मदद मिल सकती है. जबकि आम की खेती के लिए अधिकतम 51,000 रुपये तक की आर्थिक मदद देने का प्रावधान किया गया है. हरियाणा सरकार ने बागवानी फसलों के लिए विशेष बीमा स्कीम भी शुरू कर दी है.