राज्यपाल ने रानी लक्ष्मी बाई महिला भवन सैक्टर -38 के आडीटोरियम का किया उद्घाटन

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पंजाब के राज्यपाल और यूटी, चंडीगढ़ के प्रशासक श्री बनवारीलाल पुरोहित ने आज यहां सैक्टर 38 स्थित रानी लक्ष्मी बाई महिला भवन में श्रीमती किरण ख़ैर (वर्चुअली)

चंडीगढ़, 8 नवंबर(केवल भारती)

पंजाब के राज्यपाल और यूटी, चंडीगढ़ के प्रशासक श्री बनवारीलाल पुरोहित ने आज यहां सैक्टर 38 स्थित रानी लक्ष्मी बाई महिला भवन में श्रीमती किरण ख़ैर (वर्चुअली), श्री धर्मपाल, आई.ए.एस., प्रशासक के सलाहकार, स. रवि कांत शर्मा, मेयर, चंडीगढ़ की हाज़िरी में आडीटोरियम का उद्घाटन किया।आडीटोरियम में जलसे को संबोधन करते हुये राज्यपाल ने कहा कि समाज के हर वर्ग की महिलाओं को सशक्त बनाऐ बिना महिला सशक्तीकरण सफल नहीं हो सकता। 21वीं सदी की सुरूआत के बाद, जमीनी स्तर से सम्बन्धित महिलाओं ने बहुत सारे व्यावसायिक काम ढूँढे हैं जो सिर्फ़ पुरुषों के लिए आरक्षित थे। आज बहुत सी महिला मिस्त्री, बस ड्राइवर, पेट्रोल पंप अटेंडेंट, किसान आदि हैं और यह सभी महिलाएं अपना काम बहुत बढ़िया ढंग से कर रही हैं। निसंदेह महिलाओं ने धरती के साथ-साथ अंतरिक्ष पर भी अपनी मौजूदगी का लोहा मनवाया है।

अब आकाश उनके लिए हद है।राज्यपाल ने कहा कि मुझे यह देख कर बहुत ख़ुशी हो रही है कि नगर निगम चंडीगढ़ ख़ुद एक महिला के नेतृत्व अधीन महिला सशक्तिकरण के इस उद्देश्य के लिए अपना बनता योगदान डाल रहा है और रानी लक्ष्मी बाई महिला भवन में अति ज़रुरी आडीटोरियम का उद्घाटन कर रहा है। उन्होंने ऐम.सी.सी. की टीम को यह बहुत ही नवीनताकारी, विचारशील और आधुनिक आडीटोरियम बनाने के लिए बधाई दी जो भविष्य में सामाजिक -संस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बनने जा रहा है।श्रीमती किरण ख़ैर ने सभा को वर्चुअली संबोधन किया। उन्होंने कहा कि भारत की आज़ादी के संघर्ष में भी महिलाओं ने अहम जिम्मेदारियां निभाई हैं। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास महिलाओं के योगदान का ज़िक्र किये बिना अधूरा होगा। भारत की महिलाओं का बलिदान सबसे आगे रहेगा। उन्होंने सच्ची भावना और निडर हिम्मत के साथ लड़ाई लड़ी और हमें आज़ादी दिलाने के लिए कई तरह के कष्ट, शोषण और कठिनाईयों का सामना किया।
उन्होंने यह भी कहा कि 1857 की आज़ादी की लड़ाई (महान बग़ावत) में महिलाओं द्वारा निभाई गई भूमिका भरोसेयोग और अतुल्नीय थी। झांसी की रानी लक्ष्मी बाई, जिसकी बहादुरी और शानदार नेतृत्व ने वास्तविक देश भगती की शानदार मिसाल पेश की।

मेयर श्री रवि कांत शर्मा ने बताया कि 1.3 एकड़ में फैले आडीटोरियम की इमारत का ढांचा साल 2015 में बनाया गया था और अब इसको कार्यशील बनाने के लिए अति आधुनिक सहूलतों के साथ लैस बनाया गया है। इस आडीटोरियम का मुख्य उद्देश्य विशेष तौर पर शहर के दक्षिणी सैकटरों में सांस्कृतिक और रिवायती गतिविधियों को उत्साहित करना है। इस इमारत को और लाभदायक और व्यावहारिक बनाने के लिए इस इमारत की दूसरी मंजिल चंडीगढ़ की अलग-अलग अकादमियों को आर्ट एंड इनक्यूबेशन सैंटर जैसे चंडीगढ़ ललित कला अकैडमी, चंडीगढ़ साहित्य अकैडमी और चंडीगढ़ संगीत नाटक अकैडमी को दी गई है। इन लाइव स्टेज परफॉरमेंस के इलावा प्रोजेक्टर और स्क्रीन के द्वारा लाइव डिस्पले, अति आधुनिक हाई-फाई साउंड और लाईटिंग व्यवस्था की सुविधा भी होगी।

इससे पहले स. अरुण सूद पूर्व मेयर और इलाका काऊंसलर ने मुख्य मेहमान समेत सभी मेहमानों का स्वागत करते हुये कहा कि यह आडीटोरियम इस इलाके के उभरते कलाकारों ख़ास कर महिला कलाकारों के लिए वरदान साबित होगा। उन्होंने कहा कि वह दिन बीत गए जब महिलाओं को उनकी मनपसंद चीजें प्राप्त करने के लिए अपने पिता या पति पर निर्भर होना पड़ता था। 21वीं सदी के बाद महिलाओं को कर्मचारियों के तौर पर शामिल होने के और अधिक मौके मिले। उन्होंने कहा कि इस आडीटोरियम का मुख्य उद्देश्य शहर के दक्षिणी सैकटरों में सांस्कृतिक और रिवायती गतिविधियों को उत्साहित करना है।इसके इलावा महिला कलाकारों द्वारा गणेश वंदना, वन्दे मातरम, गिद्दा, सोलो क्लासिकल प्रस्तुतीकरण समेत सांस्कृतिक प्रोग्राम किये गए।

स. दुष्यंत कुमार गौतम, संसद मैंबर (राज्य सभा), श्री परवीर रंजन, आई.पी.ऐस., डी.जी.पी., स. नितिन कुमार यादव, आई.ए.एस., गृह सचिव, स. मनदीप सिंह बराड़, आई.ए.एस, डिप्टी कमिशनर, श्रीमती अनिन्दिता मित्रा, आई.ए.एस., कमिशनर, एम.सी.सी, ओर काऊंसलर, एम.सी.सी के अधिकारी और इलाका की प्रमुख सखसियतें उद्घाटनी प्रोग्राम के दौरान उपस्थित थे।

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