तीन जगह जल्द हिमाचल में बनकर तैयार होंगी अनाज मंडियां, मंत्री ने विधानसभा में दी जानकारी

हिमाचल प्रदेश में नई अनाज मंडियां स्थापित करने और पुरानी मंडियों के सुधारीकरण के विषय पर चर्चा के लिए इंदौरा की विधायक रीता देवी और चिंतपूर्णी के विधायक बलवीर सिंह सदन में प्रस्ताव लाए।
प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान दौरान विधायक रीता देवी ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र की उपजाऊ भूमि पर बहुत से लोगों की आर्थिकी खेतीबाड़ी पर निर्भर है। लेकिन किसान आंदोलन में हिमाचल के किसानों के शामिल न होने के कारण पंजाब की मंडियां इनके लिए बंद कर दी गईं। ऐसे में प्रदेश सरकार ने ठाकुरद्वारा और त्योड़ा में अस्थायी मंडियां बनाकर बहुत बड़ी राहत दी। उन्होंने कहा कि अगले तीन माह में गेहूं की फसल तैयार हो जाएगी। ऐसे में इन तीन महीनों के अंदर यहां मंडियों का प्रावधान किया जाए, ताकि किसानों को फसल बेचने के लिए पंजाब या अन्य राज्यों में न भटकना पड़े।
चिंतपूर्णी के विधायक ने उनके क्षेत्र में भी ऐसी मंडियां बनाए जाने पर मुख्यमंत्री का आभार जताया। उन्होंने कहा कि मक्की की फसल की भी एफसीआई के माध्यम से न्यूनतम मूल्य के आधार पर खरीद की जाए। चर्चा में हिस्सा लेते हुए विधायक परमजीत सिंह पम्मी और हर्ष वर्धन चौहान ने भी ने भी सदन में किसानों की चिंताओं का सदन में रखा। इस पर जवाब देते हुए कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बताया कि प्रदेश में लगभग 18 लाख मिट्रिक टन सब्जियों, लगभग 8 लाख मिट्रिक टन फलों तथा 77.12 हजार मिट्रिक टन खाद्यान खरीफ फसलों तथा 142 हजार मीट्रिक टन रबी में खाद्यान फसलों का उत्पादन हो रहा है।
किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य दिलवाने के लिए प्रदेश में इनके विपणन की को उनके उत्पाद का उचित मूल्य दिलवाने के लिए प्रदेश में इनके विपणन की समुचित व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने नालागढ़, पांवटा साहिब, ऊना, टकारला और फतेहपुर में अनाज मंडी का निर्माण करवाया है। इसके अलावा मंडी, मजारी और रियाल में अनाज मंडियां बनेंगी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष प्रदेश के किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद के लिए कुल आठ केंद्र स्थापित किए गए थे। इन केंद्रों पर एफसीआई ने 1975 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीद की गई।
प्रदेश की 3615 पंचायतों में से 474 में अपने पंचायत घर नहीं ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने सदन तो अवगत कराया कि प्रदेश की 3615 पंचायतों में से 474 के पास अपने पंचायत घर नहीं है। जिला मंडी में सबसे ज्यादा 110 पंचायतों में अपनी पंचायत घर तक नहीं हैं। जिला मंडी में सबसे ज्यादा 110 पंचायतों में अपनी पंचायत घर तक नहीं कांग्रेस विधायक नंद लाल ने इस संबंध में सवाल पूछा और मंत्री ने सदन को अवगत कराया कि विभाग ने कुल 2065.25 लाख की राशि पंचायत घरों को जारी की है। मंडी में 65 पंचायतों को कुल 676.00 लाख रुपए दिए हैं।
जिला पंचायतें कितने पंचायत घर नहीं
बिलासपुर 176 26
चंबा 309 30
हमीरपुर 248 19
कांगड़ा 814 70
कुल्लू 235 33
लाहौल स्पीति 45 9
किन्नौर 73 12
मंडी 559 110
शिमला 412 67
सिरमौर 259 38
सोलन 240 37
ऊना 245 23
10 जिलों की नई पंचायतों के निर्माण के लिए स्वीकृत कुल 2066.25 लाख की राशि
जिला पंचायतें पंचायत घरों को मंजूर धनराशि लाख में
बिलासपुर 4 77.00
चंबा 4 32.66
हमीरपुर 1 11.00
कांगड़ा 30 421.80
कुल्लू 12 143.00
मंडी 65 676.00
शिमला 32 363.14
सिरमौर 12 130.00
सोलन 9 120.00
ऊना 6 91.65