गुरु परशुराम जयंती

0

प्रस्तुति – नवीन चन्द्र पोखरियाल रामनगर, जिला नैनीताल उत्तराखंड

बैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हर वर्ष परशुराम जयंती मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान विष्णु ने परशुराम जयंती के रूप में अपना 6वां अवतार लिया था। इस साल 3 मई को परशुराम जयंती मनाई जा रही है।

भगवान परशुराम का जन्म भले ही ब्राह्मण कुल में हुआ हो लेकिन उनके गुण क्षत्रियों की तरह थे। ऋषि जमदग्नि और माता रेणुका के पांच पुत्रों में से चौथे पुत्र परशुराम थे। परशुराम भगवान भोलेनाथ के परम भक्त थे। इसी वजह से उनका नाम परशुराम नाम पड़ा था।

पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान विष्णु के अवतार परशुराम जी का जन्म धरती पर हो रहे अन्याय, अधर्म और पाप कर्मों का विनाश करने के लिए हुआ था। उन्हें सात चिरंजीवी पुरुषों में से एक माना जाता है। परशुराम जी का जन्म के वक्त राम नाम रखा गया था। वे भगवान शिव की कठोर साधना करते थे, जिसके बाद भगवान भोले ने प्रसन्न होकर उन्हें कई अस्त्र-शस्त्र प्रदान किए थे। परशु भी उनमें से एक था जो उनका मुख्य हथियार था। उन्होंने परशु धारण किया था इसलिए उनका नाम परशुराम पड़ गया।

मान्यता अनुसार एक बार परशुराम जी की माता रेणुका से कोई अपराध हो गया था। इस पर ऋषि जमदग्नि क्रोधित हो गए थे और उन्होंने अपने सभी पुत्रों को मां का वध करने का आदेश दे दिया। इस पर परशुराम जी के सभी भाईयों ने वध करने से मना कर दिया लेकिन परशुराम जी ने पिता आज्ञा का पालन करते हुए माता रेणुका का वध कर दिया।

इससे प्रसन्न होकर ऋषि जमदग्नि ने परशुराम जी को तीन वर मांगने को कहा था। इस पर भगवान परशुराम जी ने पहला वर अपनी माता को दोबारा जीवित करने का मांगा था। वहीं दूसरा वर बड़े भाइयों को ठीक करने का और तीसरा वर जीवन में कभी भी पराजित ना होने का मांगा था।

भगवान परशुराम भीष्म पितामह, द्रोणाचार्य और कर्ण जैसे महारथियों के भी गुरू हैं।

कहते हैं कि एक समय “गुजरात से लेकर केरला” तक “पानी ही पानी था। तब ‘श्री परशुराम” जी ने मात्र एक तीर चलाकर समुद्र को धकेल कर गुजरात से केरल” तक कर दिया। जिससे ये क्षेत्र हम मनुष्यों के रहने लायक बन गया।

   "सीधे हैं तो राम हैं,
  पलट गये तो परशुराम हैं।
 यही हिन्दुत्व की पहचान है।
 समय आने पर शस्त्र और शास्त्र    
 दोनों हों, उपयोगी है यही पाठ, 
 सिखा गये परशुराम भगवान।"

ब्राह्मण कुलभूषण भक्ति और शक्ति के प्रतीक, भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान श्री परशुराम
जयंती पर आप सभी को हार्दिक
बधाई एवम शुभकामनाएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ये भी पढ़ें