दिव्यांगों को रोजगार देने के लिए हरियाणा सरकार ने तैयार की अनोखी रणनीति, ये है पूरी योजना

भिवानी, चंडीगढ़ (आज़ाद वार्ता)
हरियाणा सरकार ने दिव्यांगों को रोजगार देने के लिए नई रणनीति तैयार करके उसे मूर्त रूप देना शुरू कर दिया है। इसके तहत हरियाणा प्रदेश में वीटा दूध की 50 हजार एजेंसियां प्रदेश के सभी 22 जिलों में पांच मिल्क प्लांटों के माध्यम से आबंटित की जाएंगी।
जिसमें दिव्यांगों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। इसके अलावा प्रदेश के 22 जिलों में 20 हजार हरहित रिटेल स्टोर में भी रोजगार देने के लिए दिव्यांगों को कोटा दिया गया है। हरियाणा के दिव्यांग कमीशनर राजकुमार मक्कड़ रविवार को पीड्ब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में पत्रकारों से रूबरू हो रहे थे।
उन्होंने कहा हरियाणा प्रदेश में 70 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले डेढ़ लाख से अधिक दिव्यांग नागरिक हैं। दिव्यांग 50 हजार वीटा दूध की एजेंसियों में से अकेले पांच हजार एजेंसियां दिव्यांगों को दी जाएगी। उसके लिए पांच हजार रुपये धरोहर राशि व 10वीं पास होना आवश्यक होगा। इसके अलावा दिव्यांगों को वीटा बूथों पर काम को आगे बढ़ाने के लिए दिव्यांगों को सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक से बगैर गारंटी के चार प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर ऋण देने के लिए 30 करोड़ रुपये आबंटित भी किए जा चुके है। इन योजनाओं से दिव्यांगों को रोजगार मिल सकेंगा तथा वे आत्मनिर्भर हो पाएंगे। इसी प्रकार हरहित रिटेल स्टोर के आबंटन के दौरान भी दिव्यांगों को लगभग 15 हजार की मासिक आय प्राप्त करने का रास्ता भी राज्य सरकार द्वारा बनाया गया है। हरियाणा प्रदेश पहला राज्य है, जो इस प्रकार से आरक्षण देकर दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रहा है।
70 प्रतिशत दिव्यांगता और तीन लाख आय वाले दिव्यांगों को आयुष्मान भारत के तहत नि:शुल्क ईलाज
दिव्यांगजन आयुक्त ने कहा 70 प्रतिशत दिव्यांगता व तीन लाख रूपये तक की आय वाले दिव्यांगों को आयुष्मान भारत के तहत नि:शुल्क ईलाज के लिए भी पंजीकृत करके उन्हे लाभ दिया जा रहा है। केंद्र सरकार ने हरियाणा राज्य में दिव्यांगों के रोजगार स्थापना के लिए वर्तमान बजट में 80 करोड़ रुपये हरियाणा राज्य को दिए है। इससे दिव्यांगों को बगैर गारंटी का ऋण देकर स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ाया जाएगा। दिव्यांगों को रोजगार देने की दिशा में एक जनवरी 1996 से नौकरियों में बैकलाग दिया गया है तथा इनकी भर्ती प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इससे प्रदेश के 80 विभागों, 14 मैडिकल कॉलेज व 12 कारपोरेट विभागों में 15 हजार दिव्यांगों को नौकरी मिल सकेंगी।
इसी दिशा में हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग ने 103 दिव्यांग एमबीबीएस डाक्टरों से नौकरियों से आवेदन भी मांगें हैं। इसके अलावा हर जिला में तीन करोड़ रुपये दिव्यांगों को कृत्रिम अंग देने के लिए आबंटित किए हैं, ताकि दिव्यांग व्हील चेयर, चश्में, स्कूटी व दृष्टि संबंधित उपकरण दिव्यांगों को नि:शुल्क उपलब्ध करवाए जाएंगे। हरियाणा राज्य में पहली बार दिव्यांगों के उपकरणों का निर्माण करने के लिए पांच एकड़ में 300 करोड़ रुपये की लागत से शेल्टर का निर्माण किया जा रहा है, ताकि हरियाणा राज्य में कृत्रिम अंगों का निर्माण कर दिव्यांगों को वितरित किया जा सकें। कृत्रिम अंगों के खराब होने पर इनके रिपेयरिंग के लिए ब्लाक स्तर पर कलस्टर बनाने का निर्णय भी राज्य सरकार द्वारा लिया गया है तथा रिपेयरिंग सेंटर बनाने का कार्य भी दिव्यांगों को आबंटित किया जा रहा हैं।
इतनी है लागत
हरियाणा के अंबाला में बौद्धिक दिव्यांग लाईफ सैंटर का निर्माण 37 करोड 80 लाख की लागत से पांच एकड़ में शुरू किया गया है, ताकि मानसिक दिव्यांगों को आश्रय मिल सकें। इस अवसर पर उनके साथ कुलदीप शतरंज, परमेश्वर शर्मा, विजय शर्मा, रीतिक वधवा, प्रवीण कठपालिया, विवेक अदलखा, कमल कुमार,अशोक रहेजा सुनील चौहान, श्याम पाल आदि उपस्थित थे।