आंदोलन खत्म करने के लिए हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी का बड़ा बयान

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नई दिल्ली। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के निरस्त होने के बावजूद दिल्ली-एनसीआर के बार्डर पर धरनारत प्रदर्शनकारियों के प्रमुख नेताओं में शुमार गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा है कि हरियाणा में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी सरकार पहले किसानों पर दर्ज मुकदमे रद करे फिर धरना खत्म कर जाने की सोचेंगे।

इसके साथ ही मीडिया से बातचीत में भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने स्पष्ट किया है कि हरियाणा सरकार की और उनके पास कोई बातचीत का कोई न्योता नहीं आया। उन्होंने कहा कि मंगवलार को केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से यह शर्त रखी गई गई थी कि यदि किसान आंदोलन खत्म करने की घोषणा करें तो वे मुख्यमंत्री से मिल सकते हैं, लेकिन किसानों ने इस शर्त को नामंजूर कर दिया।

इसके साथ ही गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि पहले सरकार मुकदमा वापस लें और मुवाअजे की घोषणा करे, तभी किसान वापसी के बारे में सोचेंगे। सरकार ने अभी तक कुछ भी लिखित में किसानों के पास नही भेजा है। जहां तक किसानों की बैठकों का सवाल है तो सैकड़ों संगठन हैं जो रोज अपनी अपनी बैठके करते हैं और स्थिति पर चर्चा करते हैं। इसमें कोई नई बात नहीं है।

मांगें पूरी होने तक यहां से नही जाएंगे : सुमन हुड्डा

किसान यूनियन (चढूनी) की प्रदेश महिला अध्यक्ष सुमन हुड्डा ने कहा कि किसानों की मांगे मान लेने की बातें अभी तक मीडिया में ही चल रही हैं, किसानों के पास इसकी कोई सूचना नही है। जब तक किसानों की सभी मांगें नही मानी जाती, तब तक किसान यहां से जाने वाले नही हैं। किसानों का लगातार हौंसला बढ़ाया जा रहा है।

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