हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बोले- मंडी एयरपोर्ट से रात को भी चलेंगे विमान

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मंडी एयरपोर्ट से रात के वक्त भी विमान चलेंगे। यहां से चलाए जा रहे विमानों में कैट आई सिस्टम का इस्तेमाल होगा। यह जानकारी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार को मंडी हवाई अड्डा विकास से संबंधित एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।

सीएम ने कहा है कि मंडी में प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट हवाई पट्टी की दिशा में प्रमुख बदलाव के बाद अब यह एबी-320 प्रकार के हवाई जहाजों के संचालन के लिए उपयोगी सिद्ध होगा।

इस हवाई अड्डे से वर्ष भर विमानों का संचालन होगा। कैट-आई लाइटिंग सिस्टम से रात्रि के वक्त विमानों का संचालन होगा। मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना को क्रियान्वित करने के लिए राज्य सरकार और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के बीच एक संयुक्त उपक्रम कंपनी बनाने पर भी विचार होगा।

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने मंडी में प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट का जरूरी भूमि सहित संशोधित मास्टर प्लान प्रस्तुत किया है। इससे इसकी हवाई पट्टी के अभिविन्यास का निर्धारण और परामर्शकर्ता की ओर से ओएलएस चार्ट तैयार होगा। उन्होंने कहा कि यह परियोजना प्रदेश में न केवल बेहतर हवाई सुविधा प्रदान करने के साथ-साथ पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा देगी, बल्कि सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होगी।

सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस परियोजना के वित्तपोषण के लिए मामला केंद्र सरकार के समक्ष उठाएगी। 15वें वित्तायोग ने इस परियोजना के लिए 1000 करोड़ रुपये की सिफारिश की है। बैठक में मुख्य सचिव राम सुभग सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव सुभाशीष पांडा और पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक अमित कश्यप आदि शामिल हुए।

वैपकोस लिमिटेड ने लेडार लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग सर्वेक्षण पूरा किया
सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार ने नागर विमानन मंत्रालय और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के सुझावों के अनुसार रन-वे का संरेखण तय करने के लिए वैपकोस लिमिटेड की ओर से लेडार यानी लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग सर्वेक्षण पूर्ण कर लिया है।

2100 मीटर रनवे निर्माण और दक्षिण भाग में 1050 मीटर संभावित विस्तार की योजना तैयार
मुख्यमंत्री ने कहा कि नागर विमानन मंत्रालय की ओर से पूर्व में दी साइट क्लीयरेंस और जमा करवाए मास्टर प्लान के अनुसार यहां 2100 मीटर रनवे के निर्माण और दक्षिण भाग में इसके 1050 मीटर संभावित विस्तार के साथ योजना तैयार की गई। हवाई लेडार सर्वेक्षण और केंद्रीय नागर विमानन मंत्री के साथ बैठक के बाद यहां 3150 मीटर लंबी हवाई पट्टी की संभावना तलाश करने पर सहमति बनी। इस आधार पर विश्लेषण के उपरांत हवाई पट्टी की लंबाई दक्षिण भाग के बजाय उत्तरी भाग में 1050 मीटर करने पर कार्य किया।

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