हिमाचल: दिसंबर में होगी बीस हजार करोड़ की दूसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी

हिमाचल प्रदेश सरकार दिसंबर में बीस हजार करोड़ की दूसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन करेगी। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिमला या धर्मशाला बुलाने की तैयारी शुरू है।
उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट की दूसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के लिए जल्द स्थान और तारीख तय कर ली जाएगी। उन्होंने बताया कि 5 दिसंबर को दिल्ली में इन्वेस्टर्स मीट समारोह का आयोजन किया जाएगा। इसमें दस हजार करोड़ के एमओयू साइन किए जाएंगे।
पीटरहॉफ शिमला में पत्रकार वार्ता में उद्योग मंत्री ने बताया कि वर्ष 2019 में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में 706 एमओयू साइन हुए थे। 13 हजार करोड़ की पहली ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी हो चुकी है। अब दूसरी सेरेमनी की तैयारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसमें बुलाया जाएगा। 5 दिसंबर को दिल्ली में इन्वेस्टर्स मीट समारोह में रक्षा मंत्रालय सहित इथेनॉल और मेडिकल डिवाइस को लेकर एमओयू होंगे। उन्होंने कहा कि बल्क ड्रग पार्क की प्रदेश को जल्द सौगात मिलेगी। मामला अंतिम चरण में है। ऊना, कांगड़ा, सिरमौर और नालागढ़ में भूमि उपलब्ध है।
विशेष रियायतें देने के लिए बनाई तीन श्रेणियां
उद्योग मंत्री ने बताया कि प्रदेश में नए उद्योग स्थापित करने के लिए उद्योगपतियों को और अधिक रियायतें दी जाएंगी। इसके लिए उद्योगों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। पहली श्रेणी में 500 करोड़ का निवेश करने वाले और 300 लोगों को रोजगार देने वाले, दूसरी श्रेणी में 300 करोड़ के निवेश के साथ 250 लोगों को रोजगार और तीसरी श्रेणी में 150 करोड़ के निवेश के साथ 100 लोगों को रोजगार देने वालों को विशेष छूट मिलेगी। सभी उद्योगों में 80 फीसदी हिमाचल के लोगों को रोजगार देने की शर्त लगाई गई है। विशेष प्रोत्साहन लेने के लिए उद्योगों को अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग की अध्यक्षता वाली कमेटी के समक्ष आवेदन करने होंगे।
टाहलीवाल और परवाणू में बनेंगे उद्योग क्लस्टर
उद्योग मंत्री ने बताया कि जिला ऊना के टाहलीवाल और परवाणू में क्लस्टर उद्योग स्थापित किए जाएंगे। टाहलीवाल में जनरल इंजीनियरिंग क्लस्टर के लिए 17.32 करोड़ और परवाणू में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए 12 करोड़ खर्च होंगे।
न्यूनतम बस किराया सात रुपये से कम करने पर विचार
परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा है कि न्यूनतम बस किराया सात रुपये से कम करने पर विचार किया जाएगा। कोरोना संकट में एचआरटीसी को भारी नुकसान हुआ है। निगम का घाटा एक हजार करोड़ तक पहुंच गया है। सरकार निगम को लगातार वित्तीय मदद दे रही है। पीस मील वर्करों की मांगों को दिसंबर तक पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।