कैसे-कैसे अपराधी- ड्रोन से आया बम, पाकिस्तानी आईएसआई और जर्मनी से मिला कनेक्शन, 8वीं का लड़का खालिस्तानी आतंकियों का निकला ‘दोस्त’, लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट में धराया मुख्य आरोपित

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चंडीगढ़, पंजाब 22 मई 2022 (नवीन चन्द्र पोखरियाल,सचित गौतम)

पंजाब के लुधियाना कोर्ट में 23 दिसंबर 2021 (गुरुवार) को हुए ब्लास्ट के मुख्य आरोपित को एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपित की पहचान फिलहाल गुप्त रखी गई है। इस गिरफ्तारी को एनआईए ने पंजाब की स्पेशल टॉस्क फ़ोर्स (एसटीएफ) के साथ मिल कर अंजाम दिया। गिरफ्तारी शनिवार (21 मई 2022) को की गई है। इस से पहले शुक्रवार को 5 अन्य आरोपितों को गिरफ्तार किया गया था।

पंजाब पुलिस के डीजीपी आईपीएस वीके भावरा ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए लिखा, “ब्लास्ट के लिए आईईडी ड्रोन के माध्यम से मँगाई गई थी। इसे पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई ने भेजा था। पंजाब पुलिस सीमावर्ती क्षेत्र की एसटीएफ और केंद्रीय एजेंसियों ने मिल कर इस अभियान को सफल बनाया।”

आपको बता दें कि आने वाले 6 जून को ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पंजाब पुलिस ने उस से पहले शुक्रवार पाकिस्तान की सीमा से सटे गाँवों में छापेमारी की है। इस कार्रवाई के दौरान हथियार, विस्फोटक सामग्री और हेरोइन बरामद हुई है। दबिश में 4 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें कक्षा 8 में पढ़ने वाला एक छात्र भी शामिल है।

आरोप है कि 8वीं के छात्र ने तस्करी में शामिल अन्य आरोपितों को फोन पर इंटरनेट दिया था। पंजाब पुलिस के अनुसार खालिस्तानी आतंकियों के लिए इसी 8वीं के बच्चे ने इंटरनेशल नंबर जनरेट करने जैसे काम भी करके उनकी मदद की। गिरफ्तार हुए अन्य आरोपितों के नाम हरप्रीत हैप्पी, दिलबाग सिंह और सविंदर भल्ला हैं।

इस गिरफ्तारी के बाद पंजाब पुलिस के आईजी मोहनीष चावला ने बताया, “आरोपित दिलबाग और सविंदर की गिरफ्तारी 18 मई को ही कर ली गई थी। इनसे हुई पूछताछ में पता चला कि इन्होंने हेरोइन की खेप पाकिस्तान के तस्कर हाजी अकरम से लिया था। यह खेप 12 मई को मँगाई गई थी। पुलिस ने हेरोइन को बरामद कर लिया है। अन्य आरोपित दिलबाग सिंह ने अपने पास 2 पाकिस्तानी सिम होने की जानकारी दी है। इसी सिम से वह पाकिस्तानी तस्करों से सम्पर्क करता था। पुलिस ने आरोपितों से नोकिया का मोबाइल फोन और 2 पाकिस्तानी सिम कार्ड बरामद किया है।”

पूछताछ के दौरान दिलबाग सिंह उर्फ़ बागो ने लुधियाना कोर्ट कैम्पस में 23 दिसंमबर 2021 को हुए ब्लास्ट में अपने शामिल होने की बात कबूली है। उसने स्वीकार किया कि पाकिस्तान की सीमा से सटे गाँव बलड़वाल में ड्रोन के जरिए आईईडी आई थी, जिसे उसी ने बरामद किया था। यहाँ से वो आईईडी अमृतसर के सुरमुख उर्फ सम्मू को दी गई। बाद में सम्मू वही आईईडी पंजाब पुलिस के बर्खास्त कर्मचारी गगनदीप सिंह को दी। गगनदीप इस विस्फोट में खुद मारा गया था। पुलिस ने आईईडी ट्रांसपोर्ट में भूमिका निभाने वाले सुरमुख सिंह उर्फ़ सम्मो को भी गिरफ्तार कर लिया है।

गौरतलब है कि 23 दिसंबर 2021 को लुधियाना कोर्ट परिसर में हुए ब्लास्ट में 6 लोग घायल हुए थे। ब्लास्ट को करने आए हमलावर की मौत मौके पर ही हो गई थी। हमले का मास्टरमाइंड आतंकी जसविंदर सिंह मुल्तानी है, जो फिलहाल जर्मनी में बताया जा रहा है।

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