ये कैसे -कैसे सांसद, ये कैसा राष्ट्रप्रेम-सांसद भारत का और बोल खालिस्तानी, सांसद सिमरनजीत मान बोले -15 अगस्त को तिरंगा की जगह निशान साहिब फहराएँ, भिंडरांवाले दुश्मन की सेना से लड़ते शहीद हुए

0

नई दिल्ली 10 अगस्त 2022 (नवीन चन्द्र पोखरियाल)

अटारी बॉर्डर पर खालिस्तानी झंडा फहराने की अपील करने वाली एक बुर्के वाली महिला का वीडियो वायरल होने के बाद अब शिरोमणी अकाली दल के सांसद ने विवादास्पद बयान दिया है। पंजाब के संगरूर से अकाली सांसद सिमरनजीत सिंह मान ने लोगों से स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा की जगह सिख झंडा निशान साहिब फहराने की अपील की है। मान के बयान के बाद बवाल मच गया गया है। तिरंगे का बहिष्कार करने की बात कहते हुए मान ने कहा, “मैं आपसे 14-15 अगस्त को घरों और कार्यालयों में निशान साहिब को फहराने का अनुरोध करता हूँ। दीप सिद्धू, जो हमारे बीच नहीं हैं, ने कहा था कि सिख स्वतंत्र और एक अलग समुदाय है।”

भारतीय सुरक्षाबलों को ‘दुश्मन’ बताते हुए उन्होंने कहा, “जरनैल सिंह भिंडरांवाले (मारा गया खालिस्तानी आतंकवादी) दुश्मन की सेना से लड़ते हुए शहीद हो गए।” उन्होंने केंद्र सरकार के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान की भी आलोचना की।

हालाँकि, शिरोमणी अकाली दल के नेताओं ने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान पर सिमरनजीत सिंह मान के रूख की आलोचना की है। अकाली नेता डॉक्टर दलजीत चीमा ने कहा कि भारतीय ध्वज सभी का है और पंजाब के लोगों को इस पर गर्व है।

डॉक्टर दलजीत चीमा ने कहा, “तिरंगा सभी का है और पंजाब के लोगों को तिरंगे पर गर्व है, क्योंकि अधिकांश बलिदान पंजाब के लोगों द्वारा दिए गए हैं। अधिकांश बलिदानी सिख परिवारों से थे।” वहीं, भाजपा और आम आदमी पार्टी ने सिमरनजीत सिंह के इस बयान की निंदा की है।

आपको बता दें कि प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) का का आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो संदेश में पंजाब के लोगों को तिरंगा जलाने और स्वतंत्रता दिवस पर खालिस्तानी झंडा फहराने की अपील की थी।

वहीं, सोशल मीडिया पर एक संदिग्ध वीडियो सामने वायरल हो रहा है, जिसमें बुर्का पहनी हुई एक महिला कह रही है कि प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस को कश्मीरी अलगाववादियों का पूरा समर्थन है।

वीडियो में बुर्कानशीं महिला कह रही है कि गुरुओं की पवित्र भूमि पर ‘हत्यारे’ तिरंगे को फहराने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। वह आगे कहती हैं, “अटारी अमृतसर गुरुओं की भूमि है, लेकिन भारत का हत्यारा तिरंगा झंडा वहाँ फहराता रहता है। सिख भूमि पर भारतीय कब्जे का यह 75वाँ वर्ष है। हमारा उद्देश्य है कि अटारी बॉर्डर पर तिरंगा की जगह खालिस्तान का झंडा फहराया जाए। यह निर्णायक समय है। हम कश्मीरी मुजाहिदीन खालिस्तान की लड़ाई में अपने सिख भाइयों और बहनों के साथ हर कदम पर हैं। अल्लाह हू अकबर।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ये भी पढ़ें