पंजाब सरकार एक्शन में, 3 घोटालेबाज अफसर सस्पेंड, सीएम फंड से हुआ 11 करोड़ का घपला

चंडीगढ, 10 जुलाई(आज़ाद वार्ता)
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान इन दिनों एक्शन में हैं। घोटाले के लिए हाल ही में पंजाब सरकार ने ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के 3 अफसरों को सस्पेंड कर दिया है।
इन तीन अफसरों पर 11 करोड़ के घोटाला करने का आरोप है। रिपोर्ट के मुताबिक आनंदपुर साहिब में नवंबर 2021 से तैनात तीन पूर्व प्रखंड विकास एवं पंचायत अधिकारी (बीडीपीओ) ने कथित तौर पर 11 करोड़ रुपये से अधिक का गबन किया है। अब इस मामले में ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग की अपर मुख्य सचिव सीमा जैन ने तीन, जतिंदर सिंह ढिल्लों (अब भुनरहेरी में पदस्थापित), गुरदीप सिंह (वर्तमान में वरिष्ठ सहायक, लेखा परीक्षा, पखोवाल) और चांद सिंह (वरिष्ठ सहायक, लेखा परीक्षा, मोहाली) को निलंबित कर दिया है।
किस-किस विभाग से गायब हुए कितने करोड़
गबन की गई राशि में योजना विभाग से प्राप्त 7.38 करोड़ रुपये और मुख्यमंत्री द्वारा अपने विवेकाधीन कोटे से दिए गए 3.95 करोड़ रुपये शामिल हैं। जानकारी के अनुसार, रोपड़ जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी (डीडीपीओ) अमरिंदर चौहान इस साल मई में किसी अन्य मामले की जांच कर रहे थे, जब उन्होंने आनंदपुर साहिब बीडीपीओ के कार्यालय में खरीद में कुछ अनियमितताएं देखीं। ॉ
अभिलेखों की जांच करने पर पता चला कि 10 जनवरी को बीडीपीओ कार्यालय में योजना विभाग से प्राप्त 7.38 करोड़ रुपये में से 6.5 करोड़ रुपये उसी दिन खर्च किए गए थे। वहीं कार्यालय अभिलेखों में इस संबंध में कोई कोटेशन या बिल उपलब्ध नहीं था।
ऑफिस में मौजूद नहीं है खर्चे का डेटा
दिलचस्प बात यह है कि विभाग इस राशि को खर्च नहीं कर सका क्योंकि आठ जनवरी से विधानसभा चुनाव के कारण पहले ही आचार संहिता लगा दी गई थी। इससे पहले 24 दिसंबर को मुख्यमंत्री के विवेकाधीन कोटे से विभाग को 3.95 करोड़ रुपये मिले थे। तीन दिन बाद 27 दिसंबर को 3.18 लाख रुपये का भुगतान किया गया, जिसका रिकॉर्ड बीडीपीओ कार्यालय में उपलब्ध नहीं है।
पूछताछ में पता चला कि इस राशि में से 1.59 करोड़ रुपये एक क्रिकेट सामान फर्म के बैंक खाते में और 3.18 करोड़ रुपये एक निर्यात कंपनी को दिए गए थे। एक कंस्ट्रक्शन कंपनी को भी 35 लाख रुपए मिले। इन कंपनियों की सत्यता अभी स्थापित नहीं हुई थी।