पंजाब में राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित व सीएम मान में फिर ठनी: बनवारीलाल ने उठाए सवाल तो भगवंत मान ने दिया ये जवाब

चंडीगढ (आज़ाद वार्ता)
पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित और मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच एक बार फिर ठन गई है। राज्यपाल ने सिंगापुर भेजे गए प्रधानाचार्यों की चयन प्रक्रिया, गुरिंदरजीत सिंह जवांडा को पंजाब सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी निगम का चेयरमैन लगाने और आईपीएस कुलदीप सिंह चहल को पदोन्नत करने पर सवाल खड़ा कर दिया है। वहीं, मुख्यमंत्री मान ने जवाब देते हुए कहा कि वह और उनकी सरकार केवल तीन करोड़ पंजाबियों के प्रति जवाबदेह है न कि केंद्र द्वारा नियुक्त किसी राज्यपाल के प्रति।
राज्यपाल ने प्रदेश सरकार द्वारा सिंगापुर में ट्रेनिंग के लिए भेजे गए 35 प्रिंसिपलों की चयन प्रक्रिया का पूरा ब्योरा तलब कर लिया। उन्होंने जवांडा के आपराधिक इतिहास का ब्योरा मांगा है। साथ ही तल्ख टिप्पणी की है कि आईपीएस चहल को सरकार ने जानबूझ कर न सिर्फ तरक्की दी, बल्कि 26 जनवरी से पहले जालंधर का पुलिस कमिश्नर लगा दिया जहां पर मुझे झंडारोहण करना था।
पत्र में राज्यपाल ने मुख्यमंत्री के अपने प्रति व्यवहार पर भी एतराज जताया है। राज्यपाल ने कहा है कि उन्हें सिंगापुर भेजे गए प्रधानाचार्यों के चयन पर शिकायत मिली है। शिकायतकर्ता ने इन प्रधानाचार्यों के चयन में कुछ कदाचार और गड़बड़ियों की ओर इशारा किया है। कुल मिलाकर यह आरोप है कि प्रिंसिपलों के चयन में पारदर्शिता नहीं बरती गई। इस वजह से मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि मुझे मानदंड और संपूर्ण चयन प्रक्रिया का विवरण भेजें। कृपया यह भी विवरण दें कि इस पहले जत्थे की यात्रा और आवास पर कितना खर्च हुआ।
गुरिंदरजीत सिंह का आपराधिक रिकॉर्ड तलब
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से कहा कि एक अन्य शिकायत के अनुसार मुझे पता चला कि आपने गुरिंदरजीत सिंह जवांडा को पंजाब सूचना और संचार और प्रौद्योगिकी निगम लिमिटेड के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया है, जो पंजाब का बहुत महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठित निगम है। जैसा कि मुझे पता चला है कि गुरिंदरजीत सिंह जावंदा का नाम अपहरण और संपत्ति हड़पने के एक मामले में सामने आ चुका है। कृपया मुझे इस मामले की पूरी जानकारी भेजें।
राज्यपाल की अनदेखी, चहल पर मेहरबानी
राज्यपाल ने पूर्व में भेजे गए पत्रों का हवाला देते हुए आईपीएस अधिकारी कुलदीप सिंह चहल को चंडीगढ़ से हटाने का भी जिक्र किया लेकिन इसमें उन्होंने मुख्यमंत्री के व्यवहार को भी कठघरे में खड़ा किया है। राज्यपाल ने लिखा- मेरे 14 दिसंबर 2022 के विस्तृत पत्र के बावजूद सभी अनियमितताओं को नजरअंदाज करते हुए आईपीएस अधिकारी कुलदीप सिंह चहल को न केवल पदोन्नत किया बल्कि जालंधर के आयुक्त के रूप में भी तैनात किया और वह भी 26 जनवरी से ठीक पहले जारी किए आदेश के जरिये। यह अच्छी तरह से जानते हुए कि राज्यपाल को जालंधर में राष्ट्रीय ध्वज फहराना है। इस मुद्दे पर ऐसा लगता है कि यह अधिकारी आपका बहुत चहेता है और आपने इस कार्यालय (राजभवन) द्वारा आपके ध्यान में लाए गए तथ्यों को अनदेखा करके चुना।
भगवंत मान का राज्यपाल को तल्ख जवाब
राज्यपाल के पत्र के जवाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्वीट किया कि माननीय राज्यपाल महोदय आपका पत्र मीडिया के जरिए मिला… जितने भी पत्र में विषय लिखे गए हैं वह सभी स्टेट के विषय हैं… मैं और मेरी सरकार संविधान अनुसार 3 करोड़ पंजाबियों के प्रति जवाबदेय है न कि केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किसी राज्यपाल के प्रति। इसी को मेरा जवाब समझें…