मानवाधिकार पर अमेरिकी नसीहत का भारत ने दिया करारा जवाब, जयशंकर बोले- अमेरिका को अपने गिरेबान में झांकने की जरुरत

नई दिल्ली 14 अप्रैल 2022 (नवीन चन्द्र पोखरियाल)
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा था कि अमेरिका भारत सरकार, पुलिस और जेल अधिकारियों द्वारा मानवाधिकारों के हनन के मामलों की निगरानी कर रहा है। इसपर भारत ने पलटवार किया है।
मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों पर भारत ने अमेरिका को करारा जवाब दिया है। वॉशिंगटन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका को अपने यहां मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों की याद दिलाई है। टू प्लस टू वार्ता के दौरान दोनों देशों के बीच बेहतर संबंध बनाने को लेकर चर्चा हुई लेकिन उसके बाद ही अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मानवाधिकार पर नसीहत देकर भारत को असहज कर दिया। एंटनी ब्लिंकन ने ये कहा कि अमेरिका भारत सरकार, पुलिस और जेल अधिकारियों द्वारा मानवाधिकारों के हनन के मामलों की निगरानी कर रहा है। जिस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी पलटवार करते हुए साफ किया कि अमेरिका को लेकर भी हमारी चिंता भी ठीक उसी तरह की है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि द्विपक्षीय वार्ता में मानवाधिकारों के मुद्दों पर चर्चा नहीं की गई।
मानवाधिकार पर अमेरिका के आरोपों पर भारत का करारा जवाब
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आगे कहा कि अमेरिका पर खुद ही मानवाधिकार के मामलों में उल्लंघन के आरोप हैं। उन्होंने कहा कि निजी हित, लॉबी और वोटबैंक के जरिए अमेरिकी स्थिति संचालित की जा रही है। उन्होंने कहा कि जब भी इस पर चर्चा होगी तो भारत इस पर चुप नहीं रहेगा। मंत्री ने कहा कि अमेरिका सहित मानवाधिकारों की स्थिति के बारे में भी भारत के विचार हैं। हम मानवाधिकारों के मुद्दों को उठाते हैं जब वे इस देश में उठते हैं, खासकर जब यह हमारे समुदाय से संबंधित होता है।
हमारे पास भी दूसरे देशों के मानवाधिकारों पर भी विचार हैं
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि लोगों को हमारे बारे में विचार रखने का अधिकार है। हम उनकी लॉबी और वोट बैंक के बारे में विचार रखने के भी हकदार हैं। हम मितभाषी नहीं होंगे। हमारे पास अन्य लोगों के मानवाधिकारों पर भी विचार हैं, खासकर जब यह हमारे समुदाय से संबंधित है। दरअसल यूक्रेन में जंग को लेकर भारत ने अबतक तटस्थ की नीति अपनाई है जिसके बाद अमेरिका दूसरे मसलों को लेकर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। रूस से हथियारों की खरीद और तेल को लेकर भी भारत पर अमेरिका की ओर से दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है।