भारत बनाम अफगानिस्तान:आज टीम इंडिया हारी तो सेमीफाइनल के रास्ते हो जाएंगे बंद, जीते तो भी किस्मत के भरोसे रहना होगा

भारत बनाम अफगानिस्तान: भारत आज शाम अबुधाबी में वर्ल्ड कप का अपना तीसरा मुकाबला अफगानिस्तान के खिलाफ खेलेगा पिछले दोनों मुकाबलों में हार के बाद भारत को यह मुकाबला हर हाल में जीतना होगा

चंडीगढ़ (आज़ाद वार्ता)

भारत के लिए आज ‘करो या मरो’ का मुकाबला है. आज हारे तो वर्ल्ड कप से बाहर हो जाएंगे. अगर जीत नसीब हुई तो अन्य टीमों के प्रदर्शन पर निर्भर रहना होगा. इस रिपोर्ट में पढ़िए.. आज के मुकाबले के बाद ग्रुप-2 में क्या-क्या समीकरण बन सकते हैं.
अफगानिस्तान जीत गया तो क्या?
मैच अफगानिस्तान के पक्ष में जाने पर टीम इंडिया तो साफ तौर पर वर्ल्ड कप सेमीफाइनल की रेस से बाहर हो जाएगी. इसके साथ ही न्यूजीलैंड के लिए भी यह परेशानी का सबब हो जाएगा. दरअसल, अफगानिस्तान के मैच जीतने पर उसके 4 मैचों में 6 अंक हो जाएंगे. ऐसे में न्यूजीलैंड को सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए अपने बाकी बचे सारे मुकाबले जीतने अनिवार्य होंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि अफगानिस्तान का नेट रन रेट न्यूजीलैंड से बहुत ज्यादा है.
भारत जीता तो क्या?
भारत अगर करीबी मुकाबले में जीत दर्ज करता है तो फिर उसे नामीबिया और स्कॉटलैंड के खिलाफ बड़े अंतर से जीत दर्ज करना जरूरी हो जाएगा. साथ ही यह भी दुआ करनी होगी कि अफगानिस्तान अपना अगला मुकाबला न्यूजीलैंड से हर हाल में जीते, लेकिन जीत का अंतर कम ही रहे. इस स्थिति में भारत, अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड सभी के 6-6 अंक होंगे. जिस टीम का रन रेट बेहतर होगा, सेमीफाइनल में उसे ही मौका मिलेगा. फिलहाल अफगानिस्तान का रन रेट +3.1, न्यूजीलैंड का +0.7 और भारत का -1.6 है.
अगर न्यूजीलैंड-अफगानिस्तान मुकाबले में न्यूजीलैंड की जीत होती है लेकिन स्कॉटलैंड या नामीबिया में से कोई एक टीम न्यूजीलैंड को हरा देती है तो भी भारत के सेमीफाइनल में पहुचंने की उम्मीदें बनी रहेंगी. इस स्थिति में भी तीनों टीमों के 6-6 अंक हो जाएंगे और नेट रन रेट के आधार पर सेमीफाइनल की टीम तय होगी.
टीम इंडिया को क्या करना होगा?
टीम इंडिया को सिर्फ अपने बाकी बचे तीनों मैचों पर फोकस करने की जरूरत है. इन तीनों मैचों में बड़ी जीत ही उसके लिए सेमीफाइनल का रास्ता दिखा सकती है. हां, उसे अन्य टीमों के जीत-हार के समीकरण पर निर्भर रहना होगा. अनिश्चितता वाले इस खेल में उलटफेर होते रहे हैं और इस बार भी हो सकते हैं. संभव है कि अफगानिस्तान, नामीबिया या स्कॉटलैंड में से कोई एक टीम न्यूजीलैंड को हरा दें. ऐसे में टीम इंडिया का फोकस सिर्फ और सिर्फ बड़े अंतर से अपने बाकी मुकाबले जीतने पर होना चाहिए.

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