भारत को मिली विश्व में अभूतपूर्व सफलता -ब्रिटेन को पीछे धकेल भारत बना विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, जीडीपी ग्रोथ का आईएमएफ भी हुआ कायल

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नई दिल्ली 3 सितम्बर 2022 (नवीन चन्द्र पोखरियाल)

भारत को विश्व में एक और अभूतपूर्व सफलता प्राप्त हुई है। ब्‍लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2021 के अंतिम तीन माह में ब्रिटेन को पीछे छोड़ते हुए भारत विश्‍व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया. ये एनालिसिस अमेरिकी डॉलर पर आधारित है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़ों के अनुसार,भारत ने पहली तिमाही में अपनी बढ़त हासिल कर ली है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं- ‘आत्मनिर्भर भारत’, ‘डिजिटल इंडिया’, ‘वोकल फॉर लोकल’ आदि का प्रभाव दिखने लगा है। ब्रिटेन को पछाड़कर भारत विश्व की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। भारत से आगे अब सिर्फ अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी ही हैं।

भारत की अर्थव्यवस्था में इस तरह की बड़ी छलांग पिछले 10 वर्षों के दौरान देखने को मिला। आज से 10 साल पहले यानी 2012 तक भारत विश्व की 10 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भी शामिल नहीं था। इस सूची में भारत का स्थान 11वाँ था, जबकि ब्रिटेन पाँचवें नंबर पर ही था।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, डॉलर विनिमय दर पर आधारित नॉमिनल कैश के आधार पर भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार नॉमिनल कैश में 854.7 अरब डॉलर (68.13 लाख करोड़ रुपए) हो चुका है। वहीं, उसी अवधि में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था का आकार 816 अरब डॉलर (65 लाख करोड़ रुपए) था।

वहीं, सालाना आधार पर बात करें तो भारत की अर्थव्यवस्था का आकार 3.17 लाख करोड़ डॉलर का है, जबकि ब्रिटेन का जीडीपी 3.19 लाख करोड़ डॉलर का है। भारतीय अर्थव्यवस्था ब्रिटेन से कुछ पीछे छठे स्थान पर है। इस आधार पर भारत की जीडीपी ने बीते 20 वर्षों में 10 गुना वृद्धि हासिल की है।

आपको बात दें कि भारत ने हाल ही में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के जीडीपी आँकड़े जारी किए हैं। इन आँकड़ों में भारतीय अर्थव्यवस्था की शानदार ग्रोथ का पता चलता है। भारत की अर्थव्यवस्था इस तिमाही में 13.5 फीसदी की दर से बढ़ी। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के जीडीपी आँकड़ों में भी कहा गया है कि भारत ने अपनी जीडीपी को मजबूत किया है।

आईएमएफ के अनुसार, साल 2019 में भी भारतीय अर्थव्यवस्था नॉमिनल जीडीपी के आधार में 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनी थी। ब्रिटेन छठे स्थान पर चला गया था। उस समय भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 2.9 लाख करोड़ डॉलर था। उस समय ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 2.8 लाख डॉलर पर आ गई थी। 

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