भारतीय जनता पार्टी को रोकने के लिए क्या यूपीए में शामिल होने वाली है शिवसेना? कल राहुल तो परसों प्रियंका गांधी से मिलेंगे संजय राउत

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महाराष्ट्र में महाविकास आघाडी (Maha Vikas Aghadi) का प्रयोग करते हुए शिवसेना (Shiv Sena) ने कांग्रेस (Congress) और एनसीपी से मिलकर सरकार बनाई. इसके लिए शिवसेना 2019 में एनडीए (NDA) से बाहर आ गई. 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए शिवसेना के यूपीए (UPA) में शामिल होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं.

सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है. शिवसेना सांसद संजय राउत कल (मंगलवार, 7 दिसंबर) राहुल गांधी से और बुधवार को प्रियंका गांधी से मुलाकात करने वाले हैं.

आगामी पांचों राज्यों के चुनावों को देखते हुए शिवसेना एक निर्णायक नतीजे पर पहुंचती हुई दिखाई दे रही है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने मुंबई दौरे पर यूपीए पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि आज कहां है यूपीए? उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा था कि आधा वक्त विदेश में रह कर राजनीति नहीं की जाती.

शिवसेना के UPA में शामिल होने की संभावनाएं बढ़ीं

ममता बनर्जी के इस वक्तव्य के बाद संजय राउत ने ना सिर्फ इसके उलट बयान दिया था बल्कि शिवसेना के मुखपत्र सामना में लेख लिख कर भी यह स्पष्ट किया था कि बीजेपी को अगर सत्ता में आने से रोकना है, तो कांग्रेस की उसमें अहम भूमिका रहने वाली है. इसके बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने भी संजय राउत के बयान का और सामना में लिखे लेख का स्वागत किया था. इससे पहले नाना पटोले संजय राउत की आलोचना करते रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से संजय राउत की शिकायत भी की थी. उन्होंने यहां तक कहा था कि ‘सामना’ को कौन पढ़ता है? इस तरह पिछले कुछ दिनों से प्रदेश कांग्रेस के रुख में भी अंतर साफ दिखाई दे रहा है. कांग्रेस और शिवसेना काफी करीब आए हैं.

कुछ दिनों पहले राहुल गांधी की संजय राउत की पीठ पर हाथ रखते हुए एक तस्वीर भी खूब वायरल हुई थी. इस तस्वीर में संजय राउत कान लगा कर राहुल गांधी की बात सुनते हुए नज़र आ रहे थे. अब जब मंगलवार को संजय राउत राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे और बुधवार को प्रियंका गांधी से मिलेंगे तो ऐसे में सूत्रों के हवाले से खबर यही है कि शिवसेना को यूपीए में शामिल किए जाने को लेकर चर्चा होगी. इस मुलाकात पर पूरे महाराष्ट्र की नजरें टिकी हुई हैं.

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